न सीटी स्कैन न एमआरआई, ये कैसा मेडिकल कालेज भाई?
फोटो-28 एमडब्ल्यूटी, 3जेपीजी। चित्र परिचय : शहीद हसन खां मेवाती मेडिकल कालेज, नलहड। ए - अशोक स
फोटो-28 एमडब्ल्यूटी, 3जेपीजी।
चित्र परिचय : शहीद हसन खां मेवाती मेडिकल कालेज, नलहड।
ए - अशोक सांगवान, उपायुक्त।
आधुनिक सुविधाओं के नाम पर सामान्य अस्पताल जैसी स्थिति है
झगड़े और दुर्घटना के घायलों को कर दिया जाता है दिल्ली रेफर
जागरण संवाददाता, मेवात :
सुनने में यह भले ही अटपटा लग रहा है, लेकिन मेवात की आवाम की सेहत सुधारने के लिए बनाए गए मेडिकल कालेज का यही हाल है। यहा आधुनिक सुविधाओं के नाम पर सामान्य अस्पताल जैसी स्थिति है। अगर सीटी स्कैन या एमआरआई करानी है तो मेवात वासियों को अलवर या फिर गुड़गांव की दौड़ ही लगानी पड़ती है। यह सुविधा मेवात के किसी निजी अस्पताल में भी नहीं है। मेडिकल कालेज खुलने से पहले लोगों को यह जरूरत पूरी होती दिख रही थी, लेकिन मेडिकल कालेज खुलने के बाद लोगों की इस उम्मीद को गहरा धक्का लगा।
स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से जूझ रहे मेवात के आवाम की सेहत सुधारने और नए डाक्टरों की पौध तैयार करने के लिए मेवात के नलहड में शहीद हसन खां मेवाती के नाम से मेडिकल बनाया गया। मेडिकल कालेज बनने से पहले ढेरों दावे किए गए, लेकिन कालेज शुरू होने के बाद तमाम दावे फेल होते चले गए। रही सही कसर यहां के प्रबंधन ने पूरी कर दी। प्रबंधन के शीर्ष नेतृत्व की अनदेखी के कारण कालेज में दिनों-दिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।
झगड़े और दुर्घटना के घायलों को कर दिया जाता है रेफर :
मेवात में अधिकांश मामले लड़ाई-झगड़े और दुर्घटनाओं के होते हैं। ऐसे गंभीर घायलों को कई बार सीटी स्कैन और एमआरआई की जरूरत होती है। लेकिन यह सुविधा यहां नहीं होने के कारण ऐसे मरीजों को तत्काल दिल्ली के सफदरजंग रेफर कर दिया है। कालेज के डाक्टरों पर आरोप है कि वे किसी प्रकार की फजीहत लेने को तैयार नहीं। सूत्रों की माने तो डाक्टरों को ऐसा करने के लिए प्रबंधन की ओर से हिदायत हैं।
डिमांड के नाम पर की गई औपचारिकता :
कालेज सूत्रों के अनुसार मेडिकल कालेज में सीटी स्कैन और एमआरआई की डिमांड के नाम पर महज औपचारिकता ही पूरी की गई है। निदेशक संसार चंद ने उच्चाधिकारियों या सरकार से सीधे कभी इसकी मांग नहीं की। जिस कारण यहां ये सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाई।
अल्ट्रासाउंड और एक्सरे के लिए खाते हैं धक्का :
सीटी स्कैन और एमआरआई तो दूर, कालेज में समय पर मरीजों को एक्सरे और अल्ट्रासाउंड का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। अपने बेटे का अल्ट्रासाउंड हारुन ने कहा कि वह चार बार यहां आ चुका है, लेकिन अल्ट्रासाउंड के लिए हर बार नई तिथि दे दी जाती है। इस बार एक सप्ताह बाद आने के लिए बोला है। एक महीने से यही हाल है। हारुन की तरह दूसरे मरीजों का भी यही हाल है।
उपायुक्त ने जताई हैरानी :
शुक्रवार को सुबह सवेरे उपायुक्त अशोक सांगवान ने मेडिकल कालेज का दौरा किया। उन्होंने यहां की सुविधाओं पर हैरानी जताई। उन्होंने अव्यवस्थाओं के लिए प्रबंधन के अधिकारियों से बात की। माथे पर त्योरियां चढ़ाते हुए कहा कि मेडिकल कालेज का बुरा हाल है। इसमें सुधार किया जाएगा।