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निगम अतिक्रमण विरोधी दस्ते की करतूत, बीच रोड पर चार दीवारी

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : नगर निगम का अतिक्रमण विरोधी दस्ता जिस तरीके से काम कर रहा है, उससे साफ है

By Edited By: Published: Mon, 24 Nov 2014 08:39 PM (IST)Updated: Mon, 24 Nov 2014 08:39 PM (IST)
निगम अतिक्रमण विरोधी दस्ते की करतूत, बीच रोड पर चार दीवारी

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : नगर निगम का अतिक्रमण विरोधी दस्ता जिस तरीके से काम कर रहा है, उससे साफ है कि वह भू-माफियाओं का साथ दे रहा है। इसका उदाहरण सोमवार को शिवाजी नगर में देखने को मिला। बीच रोड पर कुछ लोग चारदीवारी बनाते रहे, लेकिन नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारी शिकायत के बावजूद चुप्पी साधे रहे। निगमायुक्त विकास यादव के पास जब शिकायत पहुंची, तो उनके हस्तक्षेप के बाद शाम को दस्ता जेई मौके पर पहुंचा लेकिन खानापूर्ति कर लौट गया।

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शिवाजी नगर स्थित एक पार्क के समीप 20 फीट चौड़ी रोड पर कुछ लोग कब्जा करने की नियत से कुछ दिन से सक्रिय थे। रविवार को रात उन्होंने चारदिवारी का काम शुरू कर दिया। सुबह आसपास के लोगों ने अतिक्रमण विरोधी दस्ता प्रभारी वीपी यादव, जेई नरेंद्र से लेकर संयुक्त आयुक्त मुख्यालय वत्सल वशिष्ठ के पास कई बार फोन किए। वशिष्ठ ने फोन रिसीव नहीं किया तो दूसरों ने बात सुनकर अपने मोबाइल फोन ही बंद कर दिए। कुछ समय बाद मोबाइल चालू तो हुए, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किए। अंत में दोपहर को निगमायुक्त विकास यादव के पास शिकायत पहुंची, तो उन्होंने मातहतों को निर्देश दिए। इस पर शाम को जेई नरेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। निगमायुक्त के स्थानांतरण होने के कारण मातहतों ने विकास यादव की बात को भी अधिक महत्व नहीं दिया। यही कारण हैं कि जलापूर्ति विभाग से निगम आए वीपी यादव ने तो इस मामले को लेकर पूरी तरह चुप्पी साध रखी है। संयुक्त आयुक्त एवं दस्ता अधिकारियों की कार्यप्रणाली से साफ है कि बड़े स्तर पर सुनियोजित प्लानिंग के साथ इस खेल को खेला जा रहा है।

तो रोड कैसे बनी

करीब तीन-चार साल पूर्व नगर निगम ने सीमेंट-कंक्रीट की सड़क का निर्माण करवाया था। जब सड़क बनी तो साफ है कि यह आवाजाही का रास्ता था और इसी के चलते सीमेंट-कंक्रीट की सड़क बनाई गई। अब इस पर कब्जा हो रहा है, तो दस्ता अधिकारी कोर्ट में मामला बताकर भू माफियाओं का साथ देते नजर आ रहे हैं।

काम रूकवा दिया

''इस पूरे मामले की जानकारी नहीं है। शिकायत के बाद शाम को काम रूकवा दिया गया। बताया जाता है कि मामला कोर्ट में है लेकिन कुछ लोग निर्माण कर रहे थे उसे रूकवा दिया गया। मामला समझने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।''

-नरेंद्र सिंह, जेई, अतिक्रमण विरोधी दस्ता।


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