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चुनाव खर्च दिखाने में दिखा प्रत्याशियों का खर्च प्रबंधन

आदित्य राज, गुड़गांव: चुनाव के दौरान प्रत्याशियों ने पानी की तरह पैसे बहाए, लेकिन आंकड़ा 25 लाख के पार

By Edited By: Published: Mon, 24 Nov 2014 08:35 PM (IST)Updated: Mon, 24 Nov 2014 08:35 PM (IST)
चुनाव खर्च दिखाने में दिखा प्रत्याशियों का खर्च प्रबंधन

आदित्य राज, गुड़गांव: चुनाव के दौरान प्रत्याशियों ने पानी की तरह पैसे बहाए, लेकिन आंकड़ा 25 लाख के पार नहीं पहुंचा। इससे लगता है कि प्रत्याशियों ने चुनाव प्रबंधन पर खूब ध्यान दिया। यही नहीं अधिकांश प्रत्याशी ऐसे हैं, जिन्होंने अपने खर्च का आंकड़ा 20 लाख रुपये से भी कम दिखाया है।

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चुनाव आयोग की ओर से विधानसभा चुनाव में खर्च की सीमा 28 लाख रुपये निर्धारित की गई थी। चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्याशियों के खर्चो के ऊपर नजर रखने के लिए अलग से खर्च पर्यवेक्षक की नियुक्ति की गई थी। स्थानीय स्तर पर कराधान उपायुक्त केएस मलिक को नोडल आफिसर नियुक्त किया गया था। जितनी तैयारी आयोग की तरफ से थी, उससे कम तैयारी प्रत्याशियों ने नहीं कर रखी थी। अधिकांश प्रत्याशियों ने खर्च प्रबंधन टीम बना रखी थी। तीन दिन पूर्व जब चुनाव खर्चे का पूरा लेखा जोखा प्रत्याशियों ने आयोग के सामने रखा है, तब खर्च प्रबंधन के महत्व का पता चल रहा है। जानकार बताते हैं कि साइबर सिटी में इतनी महंगाई है कि एक छोटा कार्यक्रम करने पर भी से 25 से 50 हजार रुपये खर्च हो जाते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान अधिकांश गंभीर प्रत्याशियों ने 100 से 200 कार्यक्रम करवाये होंगे। इसके अलावा पंपलेट, पोस्टर तथा बैनर पर खर्च किए गए वह अलग। कुछ प्रत्याशियों के समर्थन में बड़ी-बड़ी रैलियां आयोजित हुई। घर-घर जाकर संपर्क अभियान चलाया गया। इसके बाद भी अधिकांश का आंकड़ा 20 लाख के नजदीक भी नहीं पहुंचा। साउथ सिटी निवासी व चुनाव मामलों के जानकार रमेश गांधी कहते हैं कि जब तक राजनीतिक पार्टियों की खर्च सीमा तय नहीं होगी, तब तक बात नहीं बनेगी। बड़ी राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशी खर्च का अधिकांश हिस्सा पार्टी के ऊपर डाल देते हैं। गुड़गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई केंद्रीय मंत्रियों की सभाएं आयोजित हुई। सभी सभाओं के ऊपर हुए खर्चो का आंकड़ा कहां से कहां पहुंच जाएगा। आखिर सभाएं किसके लिए आयोजित की गई, यह महत्वपूर्ण विषय है। जब सभाएं ही प्रत्याशियों के लिए आयोजित होती हैं फिर खर्च प्रत्याशियों के ऊपर क्यों नहीं डाला जाता है। गंभीर प्रत्याशियों ने भी 20 लाख रुपये से अधिक खर्च का आंकड़ा नहीं दिखाया है।

आयोग के पास पहुंच गया लेखा-जोखा

''प्रत्याशियों के खर्चो का पूरा लेखा जोखा चुनाव आयोग के पास भेज दिया गया है। प्रत्याशियों की ओर से जो जानकारी दी गई, उसका सही तरीके से मूल्यांकन कर रिपोर्ट तैयार की गई है। जितना खर्च दिखाया गया है, उसी के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती है।''

-केएस मलिक, उपायुक्त, आबकारी एवं कराधान विभाग (कराधान, पूर्वी) गुड़गांव।

प्रत्याशियों के खर्च का आंकड़ा

प्रत्याशी - क्षेत्र - पार्टी - खर्च

राव नरवीर सिंह - बादशाहपुर - भाजपा - 1524873

वीरेंद्र सिंह - बादशाहपुर - कांग्रेस - 1655700 -

राकेश दौलताबाद - बादशाहपुर - इनेलो - 2309998

मुकेश शर्मा - बादशाहपुर - निर्दलीय - 2477000

उमेश अग्रवाल - गुड़गांव - भाजपा - 1713296

गोपीचंद गहलोत - गुड़गांव - इनेलो - 1370036

धर्मबीर गाबा - गुड़गांव - कांग्रेस - 1483312

सुखबीर कटारिया - गुड़गांव - निर्दलीय - 1317570

तेजपाल तंवर - सोहना - भाजपा - 1771602

रोहतास बेदी - सोहना - कांग्रेस - 715187

जावेद अहमद - सोहना - बसपा - 887270

किशोर यादव - सोहना -इनेलो - 1598713

बिमला चौधरी - पटौदी - भाजपा - 1452883

गंगाराम - पटौदी - इनेलो - 920270

सुधीर चौधरी - पटौदी - कांग्रेस - 1208001।


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