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तावडू के गांवों को नहीं मिल पा रही बिजली

-करोड़ों खर्च कर तैयार किए गए थे अलग फीडर -आज भी संयुक्त रूप से चल रहे घरेलू व कृषि फीडर संवाद सह

By Edited By: Published: Mon, 24 Nov 2014 08:13 PM (IST)Updated: Mon, 24 Nov 2014 08:13 PM (IST)
तावडू के गांवों को नहीं 
मिल पा रही बिजली

-करोड़ों खर्च कर तैयार किए गए थे अलग फीडर

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-आज भी संयुक्त रूप से चल रहे घरेलू व कृषि फीडर

संवाद सहयोगी, तावडू : क्षेत्र में बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए बिजली निगम ने घरेलू व कृषि लोड को अलग अलग करने के लिए पाच वर्ष पूर्व करोड़ों रुपये खर्च कर छह घरेलू फीडर तैयार किए थे। क्षेत्र के घरेलू व कृषि फीडर आज भी संयुक्त तौर पर चल रहे है, जिसकी वजह से क्षेत्र के लोगों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। घरेलू फीडरों के चालू नहीं होने का मामला कई बार निगम के आला अधिकारियों तक भी पंहुचा लेकिन मात्र खानापूर्ति कार्रवाई के पश्चात मामला ठडे बस्ते में डाला हुआ है। क्षेत्रवासियों को पर्याप्त बिजली न मिलने के कारण विभाग के प्रति रोष पनप रहा है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009 में घरेलू फीडरों के लिए 66 केवी बिजली घर में छह घरेलू फीडर रानियाकी, सीलखोह, बेरी, राठीवास, बिस्सर अकबरपुर व साल्हाका के लिए लाखों रुपये के वीसीबी पैनल लगाकर घरेलू फीडरों को चालू करने का दावा जताया था। लेकिन निगम की अनदेखी के कारण क्षेत्र के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बिजली पंहुचने से पहले ही लगाये गए सभी ब्रेकर खराब व जर्जर हो चुके है। मात्र खानापूर्ति के लिए कुछ फीडरों को चालू दिखाया हुआ है। जिनकी सप्लाई एक दो गावों में ही पंहुच पा रही है। जबकि क्षेत्र के पचास से अधिक गावों में घरेलू बिजली नहीं पंहुच पा रही है। वहीं तैयार किए गए अधिकतर घरेलू फीडरों के खंभे,तार व अन्य उपकरण भी फीडरों से गायब हो चुके है। जिसकी वजह से निगम को बिजली विभाग व ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते करोड़ों रुपये का चूना लगाया है।

क्षेत्र के समाजसेवी मास्टर कमलसिंह सहरावत, रामसिंह सूबेदार, पूर्व चेयरमैन रोहताश, रमजान एडवोकेट, पूर्व सरपंच कालू, एडवोकेट दीपक सतीजा, एडवोकेट नरेश कुमार, रोशन मैहदीरत्ता, सुरेश तनेजा, दशरथ मक्कड, सुन्दरलाल, रामलाल गुलाटी, प्रमोद कुमार, राजेश पटेल आदि का कहना है कि घरेलू फीडरों के अधिकतर तार व खंभे स्थानीय अधिकारियों ने क्षेत्र में बिजली का कार्य करने वाले ठेकेदारों से मिलीभगत कर खुर्द बुर्द कर दिए है। जिसकी वजह से निगम को जहा लाखों रुपये का चूना लगाया गया है वहीं क्षेत्र के ग्रामीणों को फीडरों के तैयार होने के पाच वर्ष बाद भी बिजली मुहैया नहीं हो पाई है। उन्होंने इस भ्रष्टाचार में संलिप्त बिजली विभाग के अधिकारी व ठेकेदारों के खिलाफ प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से जाच कराकर कार्रवाई की माग की है। ताकि क्षेत्र में घरेलू फीडरों में किए गए घपले का पर्दाफाश होकर संलिप्त लोगों को सजा मिल सके और लंबे समय से क्षेत्र में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए नहीं मिलने वाली बिजली उन्हे मिल सके।


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