कुत्तों का आतंक : 125 लोग अस्पताल पहुंचे
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : शहर में स्ट्रीट डॉग का आतंक बढ़ गया है। सोमवार को जिला अस्पताल में 125 लो
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : शहर में स्ट्रीट डॉग का आतंक बढ़ गया है। सोमवार को जिला अस्पताल में 125 लोग कुत्तों के काटने के कारण रेबीज का टीका लगवाने अस्पताल पहुंचे। जिला अस्पताल में हालांकि रेबीज का टीका नि:शुल्क केवल बीपीएल परिवारों के लिए है, मगर निजी अस्पतालों में जहां इस इंजेक्शन की कीमत 380 रुपये है जबकि जिला अस्पताल में 100 रुपये इस टीके के लिए मरीज को चुकाने पड़ते हैं। आवारा कुत्तों और पालतू कुत्तों को टीका लगाए जाने को लेकर प्रशासन सख्त नहीं है। गर्मियों में कुत्ता काटने की बहुत सारी घटनाएं सामने आ रही थी। इस मौसम में कुत्तों की ब्रीडिंग ज्यादा हो रही है। अपने बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर कुत्ते लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। पहले कुत्तों के बंध्याकरण और टीकाकरण का काम दो निजी संस्थानों से नगर निगम कराता था, वेटनरी डाक्टरों के संगठन डाक्टर्स फोरम और अन्य एनजीओ को भी टीकाकरण में सहायता देता था मगर पिछले कुछ सालों से यह बंद है।
शनिवार को जिला अस्पताल में कुत्तों के शिकार हुए मरीजों की संख्या 85 थी, जो अब सोमवार को बढ़कर 125 तक पहुच गई है। अस्पताल के इंजेक्शन वाले अनुभाग के कर्मियों के मुताबिक औसतन 100 लोग कुत्ते के काटने के कारण रोजाना आ रहे हैं।
बच्चे ज्यादा हो रहे हैं शिकार
प्रेम मंदिर निवासी एक महिला अपने करीब डेढ वर्ष के बच्चे को रेबीज का टीका लगवाने के लिए पहुची। उसने बताया कि उसका बच्चा बाहर गली में खेल रहा था और खेल-खेल में उसके बच्चे को काट लिया। बादशाहपुर निवासी गौरव और इस्लामपुर निवासी राकेश ने बताया कि वहा के कई घरों में लोगों ने पालतू कुत्तों को रखा हुआ है। जो सुबह के समय बाहर बाध देते है और वहा से आने-जाने वाले लोगों को पालतू कुत्ते काट लेते हैं। वह वहा से गुजर रहा था और उसे पालतू कुत्ते ने काट लिया और सोमवार को वह रेबीज का टीका लगवाने पहुचा। लोग अपने पालतू कुत्तों को भी रेबीज रोधी टीका हर साल नहीं लगवाते हैं। अशोक नगर निवासी गुलशन यादव ने बताया कि उसकी गली में एक कुत्ता था और ठड से काप रहा था। जैसे ही उसने उसको सहलाया तो उस कुत्ते ने उन्हें अपना निशाना बनाया और उसे काट लिया। इसी कुत्ते ने दो साल की लक्ष्मी को भी काट लिया।
राकेश ने बताया कि वह रात के समय अपने संस्थान से घर लौट रहा था। गली में एक स्ट्रीट डॉग ने काट लिया। संक्रमण से बचने के लिए वह सामान्य अस्पताल में रेबीज का टीका लगवाने के लिए पहुचा। देवीलाल कालोनी निवासी कमलेश ने बताया कि उनकी कालोनी में कुत्तों का आतंक बहुत ज्यादा है।
क्या कहते है अधिकारी
नगर निगम के सफाई इस्पेक्टर ब्रिजेश शर्मा ने बताया कि आवारा कुत्तों के बंध्याकरण और टीकाकरण का ठेका एक निजी संस्थान को दिया गया था। उसकी अवधि खत्म हो गई है। दोबारा ठेका होने पर 200 लोगों की टीम आवारा कुत्तों को पकड़ उनकी स्टरलाइजेशन और टीकाकरण करेगी।