Move to Jagran APP

साइबर सिटी से तटीय सीमाओं पर रहेगी नजर

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : साइबर सिटी से देश की समुद्री इलाकों पर अब हर पल नजर रहेगी। इसके लिए सोहना

By Edited By: Published: Sun, 23 Nov 2014 07:01 PM (IST)Updated: Sun, 23 Nov 2014 07:01 PM (IST)
साइबर सिटी से तटीय सीमाओं पर रहेगी नजर

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : साइबर सिटी से देश की समुद्री इलाकों पर अब हर पल नजर रहेगी। इसके लिए सोहना रोड स्थित एयरफोर्स स्टेशन परिसर में नौ सेना का इंफोरमेशन मैनेजमेंट एंड एनालिसिस सेंटर (आईएमएसी) स्थापित किया गया है। इसका शुभारंभ रविवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पारिकर ने किया। इसे देश के 31 कोस्टल स्टेशन, 20 नौ सेना सेंटर, ज्वाइंट आपरेशन सेंटर एवं नौ सेना मुख्यालय से जोड़ा गया है। सेंटर से सूचना निकलते ही आगे सभी जगहों पर पहुंच जाएगा।

loksabha election banner

मुंबई में आतंकी हमलों के बाद से केंद्र सरकार ने समुद्री सीमाओं पर अधिक ध्यान देना शुरू कर दिया है। आइएमएसी की स्थापना के बाद चौबीस घंटे समुद्री इलाकों पर नजर रहेगी। सेंटर का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पारिकर ने कहा कि मुंबई हमले के बाद 99 प्रतिशत कमजोरियां दूर कर ली गई हैं। गुड़गांव में स्थापित किए गए इस सेंटर के बाद आतंकवादियों का समुद्र के रास्ते आना आसान नहीं होगा। समुद्री इलाके में प्रवेश करते ही पता चल जाएगा। अगले कुछ महीनों के भीतर सौ प्रतिशत कमजोरी दूर करने का प्रयास है। उन्होंने कहा मुंबई में आतंकी हमले ने यह प्रमाणित कर दिया था कि सुरक्षा के ऊपर बहुत देने की आवश्यकता है। इसके बाद से हर स्तर पर प्रयास शुरू किया गया है। इससे पहले केंद्रीय रक्षा मंत्री पारिकर ने सेंटर का बहुत ही बारीकी से अवलोकन किया। इस मौके पर केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह, केंद्रीय रक्षा सचिव आरके माथुर, नौ सेना अध्यक्ष आरके धवन, तट रक्षक महानिदेशक वाइस एडमिरल अनुराग थपलियाल, असिस्टेंट चीफ ऑफ नेवल स्टाफ व रियर एडमिरल कृष्ण कुमार पांडेय सहित नौ सेना एवं तट रक्षक के कई अधिकारी उपस्थित थे।

एनसीसीसीआइएन में स्थापित

होगा आइएमएसी

इंफारमेशन मैनेजमेंट एंड एनालिसिस सेंटर में ही नेशनल कमांड कंट्रोल कम्न्यूनिकेशन एंड इंटेलिजेंस नेटवर्क (एनसीसीसीआईएन) विकसित किया गया है। पूरी दुनिया में लगभग देशों के पास ही ऐसा सिस्टम है। भारत भी रविवार से उन देशों की श्रेणी में शामिल हो गया। दोनों सिस्टम के माध्यम से देश के समुद्री इलाकों पर पैनी नजर रहेगी। आइएमएसी के माध्यम से सूचनाएं प्राप्त कर एनसीसीसीआइएन के माध्यम से आगे अन्य सेंटरों को सूचनाएं भेज देंगे। आइएमएसी के निदेशक कमांडर राकेश कुमार ने दावा किया कि पूरी दुनिया में कुछ देशों के पास इस तरह का अत्याधुनिक सिस्टम विकसित है।

समुद्र के ऊपरी सतर पर ही रहेगी नजर

इस अत्याधुनिक सिस्टम के माध्यम से समुद्र के ऊपरी सतह पर ही नजर रहेगी। समुद्र के भीतर नजर नहीं रखी जा सकेगी। नौ सेना के विशेषज्ञों का दावा है कि आने वाले समय में ऐसा सिस्टम भी तैयार हो जाएगा जिससे कि समुद्र के भीतर भी नजर रखी जा सके। वैसे समुद्र के भीतर-भीतर आतंकवादियों या किसी का भी आना-जाना संभव नहीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.