एंकर..स्वच्छता के प्रहरी -सुभ्रा पुरी का गुड़गांव बने मॉडल सिटी
पूनम, गुड़गांव : जब गुड़गांव में नगर निगम बना था, तब लगा कि गुड़गांव शहर अपना कलेवर बदलेगा। विकास क
पूनम, गुड़गांव : जब गुड़गांव में नगर निगम बना था, तब लगा कि गुड़गांव शहर अपना कलेवर बदलेगा। विकास के नए-नए रास्ते बनेंगे। उस समय से ठीक पहले एक और संगठन ने स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कॉरपोरेट, अधिकारी, नगर निगम के पार्षदों, आरडब्ल्यूए संगठनों तथा अस्पतालों विकास के हिस्सेदार समाज के विभिन्न अंगों को प्लेटफॉर्म दिया। गुड़गांव की स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं, पर्यावरण संरक्षण, भू-जल संरक्षण, ट्रैफिक व्यवस्था, बिजली , पानी, सड़क जैसे बुनियादी मुद्दों पर कार्यशालाएं लगाई और जागरुकता कार्यक्रम संगठन ने चलाए।
गुड़गांव फर्स्ट सेक्टर 44 स्थित इराड के ऑडिटोरियम में 13 दिसंबर को इको ग्रीन इनीशिएटिव शीर्षक से आयोजन करने जा रहा है कि इसमें गुड़गांव भविष्य के लिए एक मॉडल शहर बने और इसके संसाधनों का सर्वोतम उपयोग हो, पर्यावरण भविष्य के लिए सुरक्षित रहे, इस सब मुद्दों पर विशेषज्ञ चर्चा करेंगे। इस कार्यक्रम में पर्यावरण की सुरक्षा और स्वच्छता के उन तरीकों को अपनाने, जिससे कूड़ा कम से कम हो और पर्यावरण सुरक्षित रहे, एक प्रदर्शनी भी होगी। इसमें उर्जा के बेहतर प्रयोग, वायु और जल प्रदूषण से बचाव के आधुनिक तरीके और उपकरण भी दर्शाए जाएंगे। ताकि गुड़गांव कल का मॉडल सिटी बन सके।
एक बिजनेस जर्नलिस्ट रह चुकी शुभ्रा पुरी ने गुड़गांव फर्स्ट शुरू किया था। शुभ्रा बताती हैं कि हमने विभिन्न सामयिक विषयों पर 16 कार्यशालाएं कीं। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य शहर की विभिन्न एजेंसियों को एक प्लेटफार्म पर लाना था। गुड़गांव फर्स्ट गुड़गांव को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए शहर के लोगों की एक पहल है। कार्यशालाओं में प्रशासन के अधिकारी, जनता के चुने हुए प्रतिनिधि, आरडब्ल्यूए संगठन, एनजीओ, होटल, अस्पताल, मॉल प्रतिनिधियों, पर्यावरण पर काम करने वाले लोगो, स्कूलों के प्रबंधन से जुड़े लोगों, छात्रों और आम लोगों ने बड़ी गर्मजोशी से हिस्सा लिया। जब हमलोगों ने शहर की ट्रैफिक और ट्रासंपोर्ट को लेकर कार्यशाला की थी। सभी लोग उसमें एकत्र हुए थे और तभी हर रविवार की सुबह राहगीरी किए जाने निर्णय लिया गया था। इसमें जागरुकता संदेश एक अहम पहलू हो गया। गुड़गांव फर्स्ट ने कार्यशालाओं के माध्यम से समस्या और समाधान दोनों ही पहलुओं पर संबंधित लोगों को एकत्र कर चर्चा की है और ऐसी जागरुकताएं कॉरपोरेट, मॉल, स्कूल, अस्पताल, आरडब्ल्यूए संगठनों आदि के बीच आई है।
गुड़गांव के विकास के लिए कई एजेंसी जिम्मेदार है। यहां कई समस्याएं हैं और इन समस्याओं का समाधान कई किस्म के एजेंसियों के जिम्मे हैं। इन सबमें तालमेल की कई बार कमी हो जाती है। अधिकारियों को जगाने के साथ आम आदमी का भी यह नैतिक कर्तव्य है कि वह ऐसे साधन प्रयोग में लाए कि भविष्य में गुड़गांव एक मॉडल सिटी बना रहे। हम यहां कई सालों से रह रहे हैं आने वाली पीढि़यों को एक बेहतर शहर मिले। गुड़गांव में 2400 मेगावाट बिजली की खपत होती है, इसमें 1200 प्रदूषणकारी धुंआ छोड़ने वाले डीजल से बनती है। हम जमीन से पानी निकाल रहे हैं। गुड़गांव फर्स्ट के विशेषज्ञों की कोशिश है कि हम उन साधनों और उपायों को सामने लेकर आए ताकि गुड़गांव का सतत विकास हो। हमलोग जो प्रदर्शनी लगा रहे हैं, उसमें कूड़े को कम कैसे किया जाए, यह बताया जाएगा। घर में हम ग्रीन वेस्ट से खाद बना सकते हैं। उर्जा बचाने के लिए सोलर कुकर का प्रयोग करने, ऐसे टॉयलेट घर में लगाने जिसमें जरूरत के अनुरूप पानी फ्लश करने की सुविधा हो, आधुनिक तकनीक जिसमें पर्यावरण को बचाने और शहर को भविष्य के लिए सुरक्षित रखने की क्षमता हो, वह सारी चीजें दर्शायी जाएंगी। विशेषज्ञों और विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के सेमिनार होंगे, इसमें समस्याएं और समाधान दोनों निकलेंगे।
गुड़गांव को इको ग्रीन समाधान देने के लिए यह पहल है। आगे भी ऐसे कार्यक्रम सबसे मिलकर करेंगे।