लौह पुरुष पटेल के नाम पर दौड़ी खट्टर सरकार
-लिस्ट में नाम न होने पर नहीं दौड़ पाए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज -अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम मे
-लिस्ट में नाम न होने पर नहीं दौड़ पाए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज
-अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री खंट्टर ने भी लगाई दौड़
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : सत्ता संभालने के बाद धीमी गति से चल रही हरियाणा की भाजपा सरकार लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करते हुए सरपट दौड़ी। पूरे प्रदेश में रन फॉर यूनिटी में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को छोड़कर समूची सरकार दौड़ी। जिलों में मंत्री दौड़े तो राजधानी चंडीगढ़ में खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दौड़ लगाई।
मुख्यमंत्री खट्टर ने शुक्रवार को वल्लभ भाई पटेल की 138वीं जयंती के मौके पर चंडीगढ़ में कई समारोहों में शिरकत की। उन्होंने कहा कि लौह पुरूष वल्लभभाई पटेल सही मायनों में राष्ट्रीय एकता के प्रतीक थे, जिन्होंने देश का पहला गृह मंत्री रहते हुए 562 रियासतों में से 559 रियासतों को एक साथ भारतीय संघ में विलय करवाकर अखण्ड भारत की नींव रखी।
मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ के सेक्टर 10 स्थित डीएवी कॉलेज में आयोजित रन फॉर यूनिटी व पंजाब यूनिवर्सिटी के 56वें अंतर-क्षेत्रीय युवा एवं हैरीटेज महोत्सव में दौड़ को हरी झडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने खुद भी दौड़ में हिस्सा लिया। इससे पहले उन्होंने हरियाणा सचिवालय में आयोजित एक कार्यक्रम में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। गोपाष्टमी के अवसर पर उन्होंने गाय-पूजन भी किया।
खट्टर ने कहा कि सरदार पटेल देश की रियासतों को बिना किसी रक्तपात के विलय करवाने में कामयाब रहे, जिस कारण उन्हें लौह पुरूष की उपाधि दी गई थी। उन्होंने कहा कि तीन रियासतों में से हैदराबाद तथा जूनागढ़ को भारतीय संविधान अपनाने तथा भारतीय संघ में विलय कराने का दायित्व पटेल को मिला था, जबकि तीसरी रियासत की जिम्मेदारी जम्मू एवं कश्मीर का तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू को दी गई थी। पटेल दोनों रियासतों को मनाने में कामयाब रहे थे। जम्मू एवं कश्मीर को अलग प्रधानमंत्री व झडा तथा संविधान का दर्जा मिला रहा। बाद में धारा 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया।
मुख्यमंत्री ने छात्रों, संकाय सदस्यों एवं अन्य विशिष्ठ अतिथियों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलवाई। सचिवालय में उन्होंने बताया कि गुजरात में 2500 करोड़ रुपये की लागत से स्टेच्यू ऑफ यूनिटी नामक स्मारक बनाया जा रहा है। इसका निर्माण पाच वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा।