खेल: बाक्सर सरिता के समर्थन में युवा बॉक्सर
अनिल भारद्वाज, गुड़गांव : अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ(एआइबीए) द्वारा बाक्सर सरिता देवी को सस्पेंड क
अनिल भारद्वाज, गुड़गांव : अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ(एआइबीए) द्वारा बाक्सर सरिता देवी को सस्पेंड करने पर भारतीय युवा बाक्सरों में भारतीय ओलिंपिक व भारतीय सरकार के प्रति आक्रोश है। इन युवा बाक्सर मानते हैं कि एशियन खेलों के दौरान सरिता के साथ गलत हुआ था और सरिता ने अपना विरोध दर्ज कराया था। किसी भी अधिकारी के साथ गाली गलौच नहीं की। यह एक खिलाड़ी का अधिकार है ओर सरिता ने गलती नहीं होते हुए भी एआइबीए से गलती मान ली थी। युवा बाक्सरों का तर्क है कि सरिता का सस्पेंड होना भारतीय आईओ व भारत सरकार की कमजोरी है। खिलाडि़यों ने अपनी बात कुछ इस तरह से रखी।
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1, इंचियोन में ड्रामा शुरू हुआ था और सरिता द्वारा माफी मांगी गई थी। मामला वहीं खत्म होना चाहिए था। भारतीय आईओ व सरकार ने खिलाड़ी का साथ देना चाहिए ताकि एआइबीए भविष्य में भारत के बाक्सरों के साथ गलत करने का विचार न रखे।
ब्रिजेश यादव, बाक्सर
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2, एक खिलाड़ी चार साल दिन रात मेहनत करता है, उसे साबित करने के लिए कुछ मिनट मिलती है। उसमें भी भेदभाव किया जाए, तो खिलाड़ी क्या करेगा। सरिता ने सही किया। मैं सरिता के विरोध का समर्थन करता हूं। भूपेंद्र सिंह, बाक्सर
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3, एक भारतीय लड़की ने एआइबीए की तानाशाही को ललकारा। लेकिन आईओ और भारत सरकार कमजोर पड़ गई। उस बाक्सर के साथ गलत हो रहा है और सब तमाशा देख रहे हैं।
पि्रंस , बाक्सर
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4, सरिता ¨रग से लेकर ¨रग के बाहर अकेली लड़ रही है। हम भारतीयों ने उस का साथ देना चाहिए। इंचियोन में उस के साथ गलत हुआ हम खामोश रहे। अब उस के भविष्य को बचाने के लिए हमें बोलना चाहिए।
सुमित, बाक्सर