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लीड..अहीरवाल के दम पर सीएम बनने की ललक

योगेंद्र सिंह भदौरिया, गुड़गांव: स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री राव इंद्रजीत अहीरवाल

By Edited By: Published: Mon, 20 Oct 2014 06:25 PM (IST)Updated: Mon, 20 Oct 2014 06:25 PM (IST)
लीड..अहीरवाल के दम पर सीएम बनने की ललक

योगेंद्र सिंह भदौरिया, गुड़गांव: स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री राव इंद्रजीत अहीरवाल के दम पर सीएम पद पाने के लिए जोर-अजमाइश कर रहे हैं। अहीरवाल एवं उससे सटी विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों की जीत के आंकड़े के आधार पर वह प्रदेश के मुखिया की कुर्सी पर काबिज होने के लिए प्रयासरत हैं। इस बार अहीरवाल की सभी 11 सीट जीतने के लिए सांसद राव इंद्रजीत ने काफी पसीना बहाया था और अब उसी के एवज में वह सीएम पद की ललक पाले हुए हैं।

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वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में अहीरवाल की 11 सीटों में से भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली। दूसरी ओर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए राव इंद्रजीत सिंह पहले कमल टिकट पर सांसद का चुनाव जीते फिर विधानसभा चुनाव में अहीरवाल क्षेत्र में कमल खिलाकर साबित कर दिया कि अहीरवाल क्षेत्र में उनकी अच्छी खासी पकड़ है। अहीरवाल क्षेत्र में सर्वाधिक मतदाता अहीर (यादव) है और इन पर सांसद की अच्छी पकड़ है। विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण पर कुछ अपनों की टिकट कटने पर राव इंद्रजीत की नाराजगी को दूसरे नेताओं ने भुनाने का प्रयास किया। हालांकि सांसद ने एक पखवाड़ा अहीरवाल क्षेत्र में दिन-रात प्रचार किया। साथ ही दावा किया था कि अहीरवाल एवं उससे सटी सीटों पर कमल खिलाने के लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। रविवार को अहीरवाल की सभी 11 सीट तो उससे सटे क्षेत्र में भी कमल खिलने पर सबसे अधिक सांसद ही प्रसन्न हैं। अब वह इन प्रत्याशियों की संख्या के आंकड़े के आधार पर अपने सालों पुराने सपने को साकार करने की दिशा में प्रयासरत हो गए हैं। कांग्रेस में रहते हुए भी वह सीएम पद के लिए प्रयास करते रहे और अब अहीरवाल में खिले कमल को लेकर फिर जोर-अजमाइश कर रहे हैं। इसके लिए वह सीधे प्रत्याशियों से संपर्क बनाए हुए हैं। साथ ही पार्टी हाईकमान को भी इसकी रिपोर्ट कर रहे हैं। यदि विधायकों की संख्या के बल पर सीएम पद का निर्णय हुआ तो सांसद सबसे आगे खड़े नजर आ रहे हैं। हालांकि भाजपा में नए होने के कारण पार्टी के दिग्गज नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। हालांकि सीएम पद के नाम पर अंतिम मुहर पीए नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लगाएंगे, लेकिन औपचारिक घोषणा की जिम्मेदारी पर्यवेक्षक वेंकया नायडू व दिनेश शर्मा को सौंपी गई है।


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