लौटने लगे अच्छे दिन
जागरण संवाददाता, मेवात : अच्छे दिनों की आस लगा रहे उपभोक्ताओं के लिए यह उम्मीद से लौटने लगी है
जागरण संवाददाता, मेवात :
अच्छे दिनों की आस लगा रहे उपभोक्ताओं के लिए यह उम्मीद से लौटने लगी है। फिलहाल रसोई के संभले बजट और खाने की थाली के बदले जायके ने इस उम्मीद को और अधिक बल दे दिया है। पिछले दिनों तमतमा रहा टमाटर औंधे मुंह गिर गया है। इसके साथ साथ सब्जियों के तेवर भी कुछ ढीले पड़ गए हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में सब्जी के दामों से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी। नवरात्र शरू होते ही सब्जियों के दामों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। आने वाले दिनों में ओर गिरावट की बात कही जा रही है। इस गिरावट का कारण स्थानीय किसानों से मंडी में सब्जियां पहुंचने को माना जा रहा है। सब्जियों के दामों से राहत मिलने से उपभोक्ताओं के साथ सब्जी विक्रेता भी खुश हैं।
पिछले सप्ताह तक तमतमा कर लाल हो रहे टमाटर के रंग अब एकदम फीका पड़ गया है। इसके साथ फूल गोभी, पत्ता गोभी, भिंडी, घिया, तोरई, टिंडा, पालक आदि भी पहले से नरम हो गए हैं। प्याज के दामों से पिछले दिनों ही राहत मिल गई थी। इस सप्ताह इसके दामों में पांच रुपये तक ही और राहत दर्ज की गई है। हालांकि हर रसोई पर अपना राज रखने वाला आलू इस समय कुछ फूला हुआ है। आलू के दामों में उछाल आया है। 20 से 25 रुपये किलो तक बिकने वाला आलू अचानक 35 से 40 रुपये किलो हो गया है।
अस्सी से बीस पर पहुंचा टमाटर:
पिछले दिनों 80 रुपये किलो तक बिकने वाला टमाटर औंधा गिर गया है। फिलहाल मार्केट में इसकी कीमत 20 रुपये किलो तक आ गई है। आने वाले 15 दिनों में कीमतें ओर गिरने का दावा किया जा रहा है। सब्जी विक्रेता आमीर ने बताया कि लोकल किसानों के खेतों से टमाटर की खेप आने लगी है। दूसरा टमाटर की नई फसल तैयार हो गई है। पिछले बरसात से टमाटर की फसल खराब हो गई थी, जिस कारण दामों में इतनी बढ़ोतरी हुई है। अब अगले छह सात महीने इसमें मंदी बनी रहेगी।
सलाद में इस्तेमाल होने लगा प्याज :
होटलों से लेकर घरों तक में प्याज सलाद के रूप में इस्तेमाल होने लगा है। एक समय था जब सलाद से प्याज गायब हो गया था। हालांकि पिछले काफी दिनों से इसकी कीमतें 30-35 रुपये प्रति किलो पर स्थिर बनी हुई थी, जो अब और भी कम हो गई है। फिलहाल प्याज 20 से 25 रुपये किलो तक मिल रहा है। हालंाकि अभी प्याज की नई फसल मंडी में नहीं आई है। लेकिन हरियल प्याज के मंडी में आने से उसका इस्तेमाल बढ़ गया है। इस लिहाज से प्याज की कीमतें कम होने लगी है। नवंबर में प्याज की नई फसल आने की बात कही जा रही है।
सब्जी के दामों पर एक नजर :::
फिलहाल 60 रुपये किलो तक बिकने वाली फूल गोभी 40 रुपये किलो तक बेची जा रही है। पत्ता गोभी भी 40 रुपये किलो से 25 से 30 रुपये किलो हो गई है। इसी तरह भिंडी 15 से 20, पालक 15 से 20 रुपये किलो मिल रहा है। टिंडा और तोरई के भाव भी 10 रुपये प्रतिकिलो तक कम हो गए हैं। फिलहाल दोनों सब्जियां 25 से 30 रुपये किलो ताक मंडी में बेची जा रही है।
क्या कहते हैं सब्जी विक्रेता :
सब्जी विक्रेता आमीर और मोहम्मद तारीक के अनुसार मंडी में लोकल सब्जियों की आवक बढ़ गई है। इस सीजन में यह सामान्य है। मेवात में प्याज की खेती बड़े पैमाने पर होती है। लिहाजा हरियल प्याज प्याज में उपलब्ध है। गोभी, भिंडी, पालक, टिंडा और तोरई की नई फसल आने लगी है। टमाटर की फसल भी आनी शुरू हो गई है। अक्टूबर से मार्च तक सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी की कम संभावना है। क्योंकि इस समय विकल्प ज्यादा होते हैं। आने वाले दिनों हरी पत्तेदार सब्जियों का दौर शुरू होगा।
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यह उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत है। सब्जियों के दाम, खासकर टमाटर और प्याज ने रसोई का बजट बिगाड़ने के साथ खाने का जायका बिगाड़ दिया था। जाहिर तौर अच्छे दिनों की आस जगने लगी है।
संयोगिता .. निवासी बझेड़ा।
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लंबे समय से टमाटर और दूसरी सब्जियों के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही थी। अब जाकर कहीं जेब को आराम आया है। यह और भी अच्छी बात है कि आने वाले दिनों में और राहत मिलेगी।
रविंद्र .. निवासी बिछौर