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वाहनों में नंबर प्लेट लगाने के नाम पर गोरखधंधा

By Edited By: Published: Thu, 18 Sep 2014 07:15 PM (IST)Updated: Thu, 18 Sep 2014 07:15 PM (IST)
वाहनों में नंबर प्लेट  लगाने के नाम पर गोरखधंधा

लोगो-जागरण विशेष :

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फोटो 18 जीयूआर 11

-सरकार ने निजी एजेंसी को दे रखा है नंबर प्लेट लगाने का ठेका

-एजेंसी के कर्मी 30 से 40 रुपये की ऊपरी कमाई कर रहे

आदित्य राज, गुड़गांव : साइबर सिटी में वाहनों में नंबर प्लेट लगाने के नाम पर गोरखधंधा चल रहा है। प्लेट लगाने के लिए कर्मी सरेआम ऊपर से पैसे मांग रहे हैं। इस बारे में शिकायत अधिकारियों के पास पहुंच चुकी है, लेकिन कोई असर नहीं।

कुछ समय पहले तक वाहनों पर नंबर प्लेट लगाने का काम खुला था। कहीं भी जाकर प्लेट लगवाई जा सकता थी। अब सरकार ने इस कार्य का ठेका एक निजी एजेंसी को दे दिया। इससे वाहन खरीदने के बाद नंबर लिखने से लेकर प्लेट लगाने का काम एक एजेंसी के जिम्मे है। सरकार ने नंबर लिखने से लेकर नंबर प्लेट लगाने के लिए फीस निर्धारित कर रखी है। शिकायत यह है कि फीस जमा होने के बाद पहले तो दो-तीन महीने पर नंबर प्लेट तैयार किए जाते हैं, जबकि फीस जमा करते समय 15 दिनों के भीतर नंबर प्लेट लगाने का आश्वासन दिया जाता है। जब नंबर प्लेट तैयार हो जाते हैं तो उसे लगाने के लिए ऊपर से पैसे की मांग की जाती है। एजेंसी के कर्मी 30 से लेकर 40 रुपये तक की मांग करते हैं। पहले तो कहते हैं कि सरकार की फीस है। अधिकांश फीस समझकर राशि दे देते हैं। कुछ लोगों को यह बात हजम नहीं होती है तो वे विरोध करते हैं। विरोध करते ही पैसे वापस कर दिए जाते हैं। कुछ ऐसा ही वाक्या पटेल नगर निवासी संत कुमार के साथ भी हुआ। प्लेट लगाने के नाम पर पैसे ले लिए जब उन्होंने विरोध किया तो माफी मांगते हुए पैसे वापस कर दिए। कुमार ने बताया कि कर्मी इतने आत्मविश्वास के साथ पैसे की मांग करते हैं कि कहीं से ऐसा नहीं लगता है कि वे ऊपरी कमाई कर रहे हैं।

एजेंसी के बारे में शिकायतों का अंबार

सूत्र बताते हैं कि नंबर प्लेट लगाने का ठेका जिस एजेंसी के पास है उसके बारे में शिकायतों का अंबार है लेकिन फिर कोई असर नहीं। प्रतिदिन दो-चार शिकायतें एसडीएम कार्यालय में पहुंच रही हैं। जिला उपायुक्त के पास भी कई बार शिकायत पहुंच चुकी है। बताया जाता है कि एकाध बार एसडीएम ने एजेंसी के कर्मियों को धमकाया भी लेकिन कोई असर नहीं। एक तरफ नंबर प्लेट लगाने का ठेका किसी एक एजेंसी को दिए जाने से शहर में काफी लोगों का कारोबार चौपट हो गया वहीं दूसरी तरफ प्रशासन एजेंसी के कर्मियों पर लगाम लगा पाने में विफल साबित हो रहा है।

''जिस एजेंसी को नंबर प्लेट लगाने का ठेका दिया गया है उसके बारे में केवल गुड़गांव से ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश से शिकायतें आ रही हैं। मैंने कई बार इस बारे में संज्ञान लिया, लेकिन इसके बाद भी लगता है कोई असर नहीं। न केवल ऊपरी कमाई करने की शिकायत आ रही है बल्कि दो से तीन महीने में नंबर प्लेट लगाए जाते हैं। लोग एजेंसी कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। इस बारे में मैंने परिवहन आयुक्त को भी शिकायत कर दी है।''

-ओमप्रकाश, एसडीएम, गुड़गांव।


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