दुर्भाग्य! अब भी ठप पड़े हैं एजुसेट
जागरण संवाददाता, मेवात : मेवात में एजुसेट प्रणाली छात्रों के लिए कितनी कारगर साबित हो रही है। इसकी कलई शिक्षक दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए संदेश के दौरान सामने आ चुकी हैं। यहां कमोबेश सभी स्कूलों में सिस्टम फेल होने के कारण छात्रों को पीएम का संदेश रेडियो के माध्यम से सुनाना पड़ा था। इसके बाद भी विभाग चेता नहीं है और न ही विभाग ने सिस्टम ठीक कराए। यह स्थिति तब जब सरकार ने एक कंपनी को सिस्टम ठीक करने का ठेका दिया हुआ है।
प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों की शिक्षा के स्तर में भले ही सुधार के बडे-बडे प्रयास कर रही हो, लेकिन मेवात में तैनात नुमाइंदे सरकार के इन प्रयासों को पलीता लगाने में तनिक भी पीछे नहीं है। स्थिति यह है कि जिले के स्कूलों में छात्रों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए शुरू की गई एजुसेट प्रणाली अधिकाश स्कूलों में ठप पड़ी है, जिसकी चिंता अधिकारियों को नहीं है। मेवात में हालात ये है कि जिला व खंड शिक्षा अधिकारी एजुसेट ठीक कराना तो दूर स्कूलों की चेकिंग ही न के बराबर करते है। ऐसे में यहा के स्कूलों का बंटाधार हो रहा है।
बता दें कि प्रदेश सरकार ने अरबों रुपये खर्च कर एजुसेट योजना शुरू की थी। हरियाणा इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल करने वाला एशिया का पहला राज्य बना है, लेकिन आज ये एजुसेट सरकारी दावों की पोल खोलते हुए स्कूलों में धूल फाक रहे है। वाल्टेज की समस्या है, बैटरी की दिक्कत तो कहीं एलएनबी खराब है। ऐसे कई कारणों से स्कूली बच्चे योजना का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे है। जब इस बारे में अधिकारियों से बात की जाती है तो वो रखरखाव का जिम्मा किसी निजी कंपनी के हाथों मे होने की बात कहकर ठीक कराने की बात तो कहते हैं, लेकिन नतीजा शून्य रहता है। कंपनी के कर्मचारी जब भी आते है तो वो शिकायतों की लिस्ट बनाकर ले जाते हैं। वे स्कूल आकर अपना टीए तो अवश्य बना लेते है, लेकिन एजुसेट ठीक नहीं करते।
क्या कहते हैं अधिकारी :
डीईओ डा.दिनेश शास्त्री शिक्षा का कहना है कि काफी स्कूलों में सिस्टम बंद पड़े है। उन्हें शुरू कराने के लिए संबंधित अधिकारियों व स्कूल मुखियाओं को आदेश दे दिए गए है। कहीं कोई लापरवाही बरतता है तो वो स्वयं चेक कर ऐसे मुखियाओं पर कार्यवाही करेगे।