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युवा महोत्सव की तैयारी मेंजुटे विधार्थी

By Edited By: Published: Sat, 13 Sep 2014 06:44 PM (IST)Updated: Sat, 13 Sep 2014 06:44 PM (IST)
युवा महोत्सव की  
तैयारी मेंजुटे विधार्थी

जागरण संवाददाता, गुड़गांव :

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कालेजों में इस दौरान युवा महोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। युवा महोत्सव को लेकर इस बार 17 सितंबर को कालेज प्राचार्यो की बैठक होगी ऐसे में युवा महोत्सव की तिथि व अन्य चीजों के बारे में कालेज प्राचार्यो को पूरी जानकारी दी जाएगी। हर बार युवा महोत्सव के दौरान विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होती है। ऐसे में इस बार कालेज पाठ्यक्रम को लेकर भी सतर्कता दिखा रहे हैं। कालेजों की तैयारियों में व्यस्त होने के बावजूद विद्यार्थियों को मौका मिलते ही कक्षाओं में भेज दिया जाता है ताकि उनकी पढ़ाई बाधित न हो।

विश्वविद्यालय ने निर्णय लिया है कि गुड़गांव जोन के युवा महोत्सव का आयोजन इस वर्ष पलवल के महाविद्यालय में किया जाएगा। विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार युवा महोत्सव में पांच जोन होंगे जबकि यह पहले चार जोनों में विभक्त होता था। युवा महोत्सव का आयोजन 25 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच होगा। हालांकि विश्वविद्यालय ने अभी तक शेड्यूल जारी नहीं किया है लेकिन अब कालेज अपने स्तर पर तैयार हो रहे हैं। कालेजों में प्रतिभा खोज जैसे आयोजन हो चुके हैं। इस बार भी युवा महोत्सव में तकनीकि, प्रबंधन व कालेज आफ एजुकेशन भी इस आयोजन में हिस्सा लेंगे। सभी कालेजों में प्रतिभागियों के चयन के लिए टैलेंट सर्च प्रतियोगिताएं पहले ही करवा ली गई हैं। अब इन प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिलवाने व उनकी प्रतिभा निखारने का काम जोरों पर है। रेलवे रोड स्थित द्रोणाचार्य कालेज के प्राचार्य डा. आरके यादव ने कहा कि इस समय सभी लोग व्यवस्था में जुट गए हैं तथा किसी प्रकार की कमी न आए इसके लिए हर स्तर पर काम शुरू हो गया है।

ताकि पूरा हो जाए पाठ्यक्रम..

कालेजों में युवा महोत्सव के लिए तैयारियों के बीच ही पाठ्यक्रम पूरा करने की भी चिंता विद्यार्थियों व प्राध्यापकों को सताने लगी है। ऐसे में वे अभ्यास के बाद व पहले अतिरिक्त कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रा कविता, नूपुर, शिल्पी के मुताबिक पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए वह थोड़ा ज्यादा समय पढ़ाई करती हैं ताकि रिहर्सल भी हो जाए और पढ़ाई भी न पिछड़े। डा. यादव के मुताबिक ज्यादातर अभ्यास की शुरुआत सभी कक्षाएं लग जाने के बाद ही होती है। ऐसे में भी अगर प्रतिभागियों की पढ़ाई किसी तरह प्रभावित होती है तो उन्हें प्राध्यापक अतिरिक्त समय देकर पढ़ा देते हैं।


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