संभल कर चलो भाई, यमदूत के हाथ में है स्टेयरिंग
सत्येंद्र सिंह, गुड़गांव : साइबर सिटी में वाहन सड़क पर लेकर चलने वाले चालकों में करीब पांच प्रतिशत नाबालिग लड़के या लड़कियां हैं। वह दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहन दौड़ाते नजर आते हैं। ट्रैफिक पुलिस की चालानबुक के आंकड़े इस बात को साबित भी कर रहे हैं। रोजाना साइबर सिटी में करीब पाच सौ चालान होते हैं। इनमें से पचास से अधिक चालान किशोरों द्वारा चलाई जा रही गाड़ियों के होते हैं। चौदह साल के बच्चे स्कूटी तो दूर कार भी चलाकर स्कूल या मार्केट जाते नजर आते हैं। ऐसे चालक कई लोगों के लिए यमदूत भी बन चुके हैं।
कुछ अपनी माता-पिता की चोरी से वाहन चलाते हैं तो कुछ को उनके माता-पिता ही स्टेटस सिंबल समझ चाभी सौंप देते हैं। बेटा जब हादसे का जिम्मेदार बन किसी की जान ले लेता है या फिर जान गवां देता है, तो उन्हें पछतावा होता है। कुछ किशोर तो डंपर भी चलाते नजर आते हैं। पुलिस आयुक्त आलोक भी लोगों के इस शौक और मजबूरी से हैरत में हैं। उन्होंने नाबालिग वाहन चालकों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है। जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि वाहन की आरसी जिसके नाम पर हो उस व्यक्ति के खिलाफ भी किशोर को वाहन देने के आरोप में मामला दर्ज किया जाए। सोमवार से ट्रैफिक पुलिस इन निर्देशों की सख्ती से अनुपलन करती नजर आएगी।
अभिभावक जिम्मेदार
इस बात के लिए अभिभावक जिम्मेदार हैं। जो पड़ोसी से तुलना करने के लिए 18 साल से कम आयु वाले बेटे या बेटी को स्कूटी या कार सौंप देते हैं। उन्हें यह सोचना चाहिए कि 18 साल की आयु पूरी होने के बाद चालक लाइसेंस इसलिए बनाया जाता है कि किशोर शरीर के साथ मानसिक रूप से परिपक्व हो जाए। हमने खुद देखा है कि नाबालिग वाहन चालक के कारण हादसे होते हैं।
जीके भटनागर, मनोवैज्ञानिक (पूर्व सलाहकार मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार)
आइना दिखाते पुलिस की चालान बुक
25 अगस्त : कुल चालान 562 नाबालिग चालक निकले--52
26 अगस्त- कुल चालान- 500 नाबालिग चालक-50
27 अगस्त - कुल चालान 497- नाबालिग चालक- 48
28 अगस्त - कुल चालान 510- नाबालिग चालक 52
29 अगस्त -कुल चालान 447- नाबालिग चालक- 37
नाबालिग चालक कब बने यमदूत
2 मार्च 2014 डीएलएफ फेज वन में कार चला रहे नाबालिग लड़के ने दो साल की बच्ची को कुचला, बच्ची ने दम तोड़ दिया था ।
17 अप्रैल : सेक्टर चार में स्कूटी चला रहे किशोर की सड़क हादसे में हुई थी मौत
4 जून : निर्माणाधीन द्वारका दिल्ली एक्सप्रेस-वे डिवाइडर पर चढ़ने से किशोर चालक की हुई थी मौत, बजघेड़ा का रहने वाला था लड़का
16 अगस्त : बिलासपुर चौक पर नाबालिग डंपर चालक की गलती से हुए सड़क हादसे में दो युवकों की मौत हुई थी