इंचियोन मेरे लिए ओलिंपिक जैसा : फोगाट
अनिल भारद्वाज, गुड़गांव :
कामनवेल्थ खेलों की गोल्ड मेडल विजेता महिला पहलवान विनेश फोगाट दक्षिण कोरिया के शहर इंचियोन (एशियन गेम्स होने हैं) में अपने प्रदर्शन को जारी रखेगी। 48 किलो भार वर्ग की फोगाट का मानना है कि उन की माता व देश को उनसे गोल्ड मेडल की आशा है जिस कारण मेडल जितने का थोड़ा दबाव है और यह दबाव मेडल जीतकर हटाना चाहती है। विनेश की तमन्ना है कि वह फाइनल में चाइना की पहलवान का हराएं। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने कुछ और रोचक जानकारी दी।
ग्लास्गो में आपने गोल्ड जीता है। इंचियोन में क्या टारगेट है?
-ग्लास्गो जाने से पहले मुझे कोई नहीं जानता था। लेकिन अब पूरा देश जानता है। एक खिलाड़ी और देश की आशा होने के कारण गोल्ड मेरा टारगेट है।
एशियन गेम्स के के लिए कुछ खास तैयारी?
-मेरे लिए इंचियोन ओलिंपिक से कम नहीं है। यहां पर वही पहलवान मिलेंगे, जो ओलिंपिक में मिलेंगे। मैं उन्हें यहीं दम दिखाऊंगी।
एशियन खेल में ज्यादा टक्कर मिलती है।
खिलाड़ी प्रतियोगिता देखकर तैयारी करता है। इंचियोन की तैयारी उसी तरह से की गई है। हम सबसे अच्छे हथियार का वहां प्रयोग करेंगे।
ओलिंपिक में पूरे वर्ल्ड के खिलाड़ी होते हैं ?
मेरा पहला एशियन गेम्स है। यहां पर सब से ज्यादा कड़ा मुकाबला होता है। अगर यहां मेडल लगता है, तो पहले ही मान लीजिये कि ओलपिंक में मेरा मेडल पक्का।
विदेशी खिलाड़ियों की गति कैसे रोकेंगी ?
-यह सही है कि जापान व चीन
दोनों देशो के पहलवानों की स्पीड तेज है। लेकिन मैंने स्पीड वर्क किया है और फीतले दाव स्पीड को रोक देता है।
आपका फाइनल चीन से,जापान से क्यों नहीं?
-चीन के पहलवान जापान से मजबूत हैं। लेकिन फाइनल में चीन पहलवानों को हराकर मुझे अच्छा लगेगा।
पदक किसके लिए?
माता के लिए कामनवेल्थ में मेडल जीता था लेकिन अब माता व देश दोनों के लिए जीतना है। आज जो भी हूं मेरी मां के कारण हूं।