सुध ही नहीं : नारकीय जीवन जी रहे सेक्टर दस ए वासी
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : सेक्टर हो या फिर गांव या कालोनी सभी जगह की समस्याएं करीब-करीब एक समान हैं। सभी जगह के लोग सरकारी एजेंसियों की कार्यप्रणाली से खासे दुखी हैं। लगातार शिकायत के बावजूद भी कोई उनकी समस्याओं का निदान नहीं कर रहा। सेक्टर दस ए के लोग तो नारकीय जीवन जीने को विवश हैं। चुनाव के समय अवश्य नेताओं के आश्वासन मिलते हैं लेकिन बाद में कोई भी दोबारा लौटकर नहीं आता।
कहने को लोग सेक्टर दस ए में रहते हैं, लेकिन वहां व्याप्त समस्याएं किसी स्लम एरिये या फिर अनधिकृत कालोनी के समान हैं। सड़क पूरी तरह गढ्डों में बदल चुकी है, तो जलभराव के कारण आए दिन एक्सीडेंट होते हैं। जगह-जगह गंदगी व्याप्त है, पानी, ड्रेनेज, लाइट जैसी समस्याओं से भी लोग दो-दो हाथ करने को विवश हैं। लोगों के अलावा यहां की आरडब्ल्यूए पदाधिकारी लगातार हुडा अधिकारियों से गुहार लगा रहे, लेकिन कोई भी यहां की सुध लेने को तैयार नहीं है। अब जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव की कवायद शुरू हो गई है, तो सेक्टर पहुंचने वाले नेता एक बार फिर समस्याओं को चुटकी बजाकर हल करने का दावा करते नजर आते हैं। जबकि पिछले लोकसभा चुनाव, निगम चुनाव के समय इसी प्रकार के आश्वासन सुनने वाले लोग अब नेताओं पर एतबार करने को भी तैयार नहीं हैं। आरडब्ल्यूए प्रधान मनोज यादव का कहना है कि शिकायतों के निदान के लिए लंबे समय से गुहार लगा रहे हैं। अब तो थक से गए हैं, लेकिन न तो नेता न ही अधिकारी इस दिशा में कोई काम करने को तैयार है। मनोज ने बताया कि नेताओं के भी आगे-पीछे घूमकर देख लिया, लेकिन वह सिर्फ आश्वासन देते हैं और बाद में भूल जाते हैं। यहां के अनिल सिंह का कहना है कि अब फिर नेता आश्वासनों की बौछार कर रहे, लेकिन अब तो हम उन्हें उनके पिछले वादे याद दिला रहे हैं। लोगों को दर्द इस बात का है कि महंगे प्लाट खरीदकर मकान बनाया, फिर भी अनधिकृत एरिये जैसी समस्याओं से जूझने को विवश हैं। हमारे लिए तो न तो नेता न ही अधिकारी कोई काम कर रहे हैं।