शौचालय तो हैं पर सफाई व्यवस्था नहीं
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : जिले के स्कूलों में शौचालय हैं लेकिन स्कूलों में सफाई व्यवस्था न होने के चलते स्थिति खराब है। विद्यार्थियों को इसके चलते परेशानी होती है। खासकर छात्राओं के लिए स्कूलों में साफ शौचालय की सुविधा नहीं होना परेशानी का कारण बन रहा है।
जिले में कुल 67 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। इन स्कूलों में अब तक पार्ट टाइम स्वीपर कार्यरत थे, जो सुबह एक घंटा आकर साफ सफाई कर जाते थे। हालांकि अभी नई नीति के तहत इन सभी स्वीपर को स्थाई कर दिया गया। हरियाणा स्टेट लेक्चरर्स एसोसिएशन (हसला) के कार्यकारी प्रधान बालकिशन यादव के मुताबिक सभी स्कूलों में शौचालय हैं लेकिन उनमें सफाई नहीं हो पाती, ऐसे में समस्या और गहरा जाती है।
जिला विज्ञान विशेषज्ञ सुनीता अरोड़ा ने कहा कि पहले पार्ट टाइम होने के चलते समस्या आती थी, लेकिन अब स्कूलों में कार्यरत सफाई कर्मियों को स्थाई कर दिए जाने के बाद समस्या कुछ कम हुई है।
और बदहाल हुए प्राथमिक स्कूलों के शौचालय
सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की समस्या तो सफाई कर्मचारियों को स्थाई करने से काफी हद तक कम हो गई, लेकिन जिले के 496 प्राथमिक स्कूलों में दिक्कतें बढ़ गई हैं। इस बारे में सैनी खेड़ा स्कूल के अध्यापक व राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान तरुण सुहाग ने कहा कि उनके स्कूल में इस वक्त एक भी सफाई कर्मी नहीं है, जिससे गंदगी रहती है। उनके मुताबिक जब से इन सफाई कर्मचारियों को स्थाई किया गया तब से सभी पार्ट टाइम सफाई कर्मचारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में चले गए। ऐसे में अब प्राथमिक स्कूलों में सफाई कर्मचारी नहीं हैं। उनके मुताबिक उन्होंने मांग कि थी तो खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी इंदू बोकन ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द से जल्द स्कूलों की लिस्ट मंगवा कर वे सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति करवाएंगी।
प्राथमिक स्कूलों में जरूरत के हिसाब से शौचालय नहीं है। सैनीखेड़ा प्राथमिक विद्यालय में दो शौचालय हैं, जिनमें एक विद्यार्थियों के लिए हैं और एक स्टाफ के लिए है। उनके मुताबिक स्कूलों में जितने विद्यार्थी हैं उस अनुपात में नहीं है ऐसे में विद्यार्थियों को समस्या आती है। साफ-सफाई के लिए नहीं है।
''स्कूलों में एक तो संख्या के अनुपात में शौचालय न होने से शिक्षकों व विद्यार्थियों दोनों को समस्या आती है। दूसरे जो शौचालय हैं भी उनमें भी सफाई के अभाव में समस्या आती है।''
-तरुण सुहाग, जिला प्राधन, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ
''स्कूलों में शौचालय जरूर हैं, लेकिन साफ सफाई पूरी तरह से न हो पाने के कारण उनका होना न होना एक सा है। स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में शौचालय होने चाहिए, जो कि अभी कई स्कूलों में नहीं हैं।''
-बालकिशन यादव, हसला के कार्यकारी प्रधान
''हाल ही में सफाई कर्मचारियों को स्थाई किए जाने के बाद विद्यालयों की समस्या काफी हद तक दूर हो गई है।''
-सुनीता अरोड़ा, जिला विज्ञान विशेषज्ञ