प्रदेश में अक्टूबर से पहले चुनाव कराना संभव नहीं
आदित्य राज, गुड़गांव : प्रदेश में अब सितंबर महीने के दौरान चुनाव संभव नहीं। यह संभव तब होता जब 25 से 30 अगस्त के बीच चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती। चुनाव की पूरी प्रक्रिया संपन्न करने के लिए कम से कम 30 से 35 दिन चाहिए। ऐसी स्थिति में सितंबर के पहले सप्ताह में चुनाव आचार संहिता लागू होने पर मतदान अक्टूबर से पहले संभव नहीं।
गत विधानसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार उम्मीद की जा रही थी कि अक्टूबर की बजाय सितंबर में ही मतदान होगा। यह उम्मीद इसलिए अधिक जगी थी क्योंकि 31 जुलाई को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया था। गत विधानसभा चुनाव में सूची का अंतिम प्रकाशन सितंबर महीने की शुरुआत में किया गया था। यही नहीं इस बार एक अगस्त को चुनाव आयोग प्रदेश भर के अधिकारियों के साथ बैठक कर ली थी। आयोग के निर्देशानुसार सभी जिलों में चुनाव को लेकर तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। फ्लाइंग स्क्वायड, स्टेटिक सर्विलांस टीम, सुपरवाइजर, लॉ एंड आर्डर सहित कई टीमों का गठन किया जा चुका है। यही नहीं अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित हो चुका है। संभावना व्यक्त की जा रही थी कि 10 अगस्त के बाद कभी भी चुनाव आचार संहिता लागू हो सकती है। ताकि अक्टूबर से पहले चुनाव संपन्न हो सके। अक्टूबर में इस बार कई पर्व एवं त्यौहार पड़ रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि हरियाणा एवं महाराष्ट्र में साथ-साथ चुनाव होना है। हरियाणा में तैयारी पूरी है लेकिन महाराष्ट्र में उस स्तर पर तैयारी नहीं है। इस वजह से ही अब तक चुनाव आचार संहिता लागू करना संभव नहीं हो पाया। चुनाव मामलों के जानकार राजेंद्र त्यागी कहते हैं कि अब किसी भी कीमत पर सितंबर महीने के दौरान चुनाव संभव नहीं। यदि एक अक्टूबर को भी चुनाव आचार संहिता लागू होती है तो कम से एक सप्ताह बाद से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। एक सप्ताह तक प्रक्रिया चलेगी। इसके बाद नामांकन पत्रों की छंटनी से लेकर नाम वापसी एवं सिंबल वितरण की प्रक्रिया में चार से पांच दिन का समय लगता है। उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के लिए 14 से 15 दिन दिए जाते हैं। इस हिसाब से पूरा सितंबर निकल जाएगा। ऐसी स्थिति में मतदान अक्टूबर के प्रथम सप्ताह से पहले संभव ही नहीं होगा। ज्यादा संभावना यह हो सकती है कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में ही मतदान होगा क्योंकि प्रथम सप्ताह में दशहरा है।
प्रदेश में चुनाव की तैयारी पूरी
''निश्चित रूप से अब अक्टूबर से पहले चुनाव कराना संभव नहीं दिख रहा है। तकनीकी रूप से चुनाव के लिए एक महीने का समय फिट नहीं बैठता है। जहां तक तैयारी की बात है, तो चुनाव आज हो कल, प्रदेश में तैयारी पूरी है। अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक को अलर्ट कर दिया गया है। जिलों में चुनाव से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू कर दिया गया है। यहां तक कि ईवीएम का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।''
-श्रीकांत बालगद, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, हरियाणा।