एडवांस---चुनावी चक्रम
केसरिया वीर इन्हें लड़ा गया
सोहना से केसरिया धारी 'भाग जाएगा, भाग जाएगा' उसका पिछला इतिहास देखकर तो ऐसी ही चर्चाएं कई महीनों तक चलीं। जाते जाते कइयों के लिए मुसीबत कर जाएगा तो कइयों के लिए मैदान खाली कर जाएगा इसकी भी पूरी संभावना थी। जब चला गया तो मुसीबत हाथ वाले उन नेताओं के लिए कर गया जो उसका दिन रात गुणगान करते थे, बखान करते थे कि प्रदेश की पंचायत के पंच ने अनेकों काम किए हैं, विकास की गंगा बहा दी है, जमकर जनता के बीच खूब तारीफ की। अब वह हाथ के कुनबे को अलविदा कह गया है हाथ वालों के सामने धर्म संकट यह है कि आखिर किस मुंह से वह यह कहेंगे कि उसने कोई काम नहीं किया क्यों पिछला गुणगान तो रिकार्ड पर है। केसरिया वीर के जाने से ग्रामीण वाले पंडित जी के लिए भी रास्ता तो खुल ही गया है, वह भी जिस अंदाज में लगे हैं उससे इरादा साफ है कि बड़ी पंचायत में भले ही औपचारिकता भर मांग बैठे थे लेकिन प्रदेश की पंचायत के दंगल में चुप बैठने वाले नहीं हैं। मगर केसरिया वीर की किस मुंह से जनता के बीच जाकर बुराई करें यह हाथ वालों के लिए मुसीबत है क्यों कि साढ़े चार साल तो हाथ वालों के कुनबे में इस इलाके से रहा ही है।