दस्तावेज खंगालने में जुटे अधिकारी
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : नगर निगम की गोशाला के लिए आने वाले हरे चारे के घोटाले की जांच जारी है। इसके लिए टेंडर से लेकर आपूर्ति संबंधित सारे दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। हालांकि अब नए निगमायुक्त के ज्वाइन करने के उपरांत ही जांच की गति बढ़ेगी। दूसरी ओर इस मामले में निगम से रिलीव किए गए मेडिकल आफिसर डा. सुमित धनखड़ खुद पर हुई कार्रवाई से नाराज हैं। इसके लिए वह अपने बचाव की जमीन तलाश कर रहे हैं।
निगम गोशाला में करीब डेढ़ हजार गाय तो पांच सौ सांड (नंदी) हैं। इनके लिए हरे चारे से लेकर भूसे की आपूर्ति का काम निगम ने एक एजेंसी को दिया हुआ था। यहां पर औचक निरीक्षण में 23 क्विंटल हरा चारा कम मिला था। जबकि गोशाला के मुख्य गेट पर इसकी इंट्री अधिक बता रखी थी। वहीं भूसे की आपूर्ति एवं उसके रजिस्टर का मिलान किया जा रहा है। इस मामले में लाखों की हेरफेर उजागर होने की संभावनाएं नजर आ रही हैं। निगमायुक्त ने इस मामले में मेडिकल आफिसर डा. सुमित धनखड़ पर कार्रवाई करते हुए उसे उसके मूल विभाग से रिलीव कर दिया है। इस मामले की जांच एसडीओ सफाई नरेंद्र सिहाग कर रहे हैं। इसके लिए हरे चारे व भूसे के टेंडर से लेकर आपूर्ति एवं निगम द्वारा रिलीज किए गए बिल की जानकारी व दस्तावेज एकत्रित किए जा रहे हैं। हालांकि निगमायुक्त डा. प्रवीण कुमार का स्थानांतरण हो चुका है और इसके चलते इस मामले की जांच में अब नए आयुक्त के पदभार ग्रहण करने बाद ही तेजी आने की उम्मीद है। दूसरी ओर डा. धनखड़ का कहना है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया गया। उनसे तो करीब ढ़ाई माह पूर्व ही सफाई, गोशाला, बंधवाड़ी से लेकर वित्तीय संबंधित सारे काम लेकर एसडीओ राजीव यादव को दे दिए गए थे। इसके बाद एसडीओ राजीव यादव की जगह एसडीओ नरेंद्र सिहाग को यह सभी काम दिए गए। फिर इस घोटाले में उन पर कार्रवाई पूरी तरह गलत है। दूसरी ओर एसडीओ सिहाग का कहना है कि आपूर्ति संबंधित फाइल डा. धनखड़ के पास थी। हालांकि अब जब नए आयुक्त मंगलवार को ज्वाइन करेंगे उस समय डा. धनखड़ अपने सारे दस्तावेज रखकर अपना पक्ष रखेंगे। यदि इस मामले में डाक्टर सही हैं, तो फिर सीधे-सीधे एसडीओ सहित दूसरे सफाई अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगना तय है। खैर आने वाले समय में पूरी घटना से पर्दा हट जाएगा।