सीवर की गंदगी झेलना इनकी विवशता
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : हमारे सेक्टर में अकसर सीवर का गंदा पानी सड़क पर आ जाता है। सीवर की गंदगी पूरे सेक्टर में फैल जाती है। यह परेशानी हर मौसम में आती है, चाहे गर्मी हो, सर्दी हो या बरसात। वजह है जनसंख्या के हिसाब से सीवर लाइनों का नहीं बदला जाना। पड़ोस के गांव डूंडाहेड़ा में सीवेज लाइनों का ओवरफ्लो या कई जगह सीवेज लाइन नहीं होना। सेक्टर 21 के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष कर्नल उमेद सिंह को शिकायत है कि प्रशासन सेक्टर में रहने वाले हजारों लोगों की ही नहीं पड़ोस के गांव वालों की भी है। इसी सेक्टर से सटा एक औद्योगिक क्षेत्र हैं, जहां सीवेज की गंदे पानी का एक तालाब बन गया है। इसके आस-पास झुग्गियां बनाकर लोग रहते हैं। ऐसे में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया समेत अन्य बीमारियों के खतरे बने रहते हैं। प्रशासन को इस इलाके के लोगों की समस्या से कोई वास्ता नहीं। सालों से लोग यह झेल रहे हैं, मगर इसके समाधान की कोई योजना नहीं बनती। इसी तरह सेक्टर नौ के पड़ोस में देवी लाल कालोनी है। यह कालोनी वैध नहीं है, नतीजतन यहां सीवेज लाइन नहीं है। सघन आबादी है, लोग रहते हैं। लोगों के सीवेज एक जगह गिरता है, जहां तालाब बन गया है। सेक्टर नौ के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष जेएस लांबा कहते हैं कि यह गंदगी का तालाब हमारे लिए भी परेशानी का सबब है, कालोनी वालों के लिए भी। बरसात में पूरा सीवेज कॉलोनी में आ जाता है। इस पर प्रशासन का ध्यान नहीं है। सेक्टर 46 के लोगों की भी यही समस्या है। पड़ोस की जल विहार कालोनी अवैध है। कालोनी का पूरे सीवर की गंदगी ने सेक्टर के एक बड़े खाली प्लाट में जमा होकर तालाब बन चुकी है। इस गंदगी के कारण आस-पास रहने वाले नरक की जिंदगी जी रहे हैं। पिछले पांच सालों से इन कालोनियों के वैध किए जाने की घोषणा हो रही है। यहां विकास कार्य किए जाने के वादे हो रहे हैं मगर स्वास्थ्य के साथ गंभीर खिलवाड़ करते इस सीवेज के तालाब का इलाज नहीं हो रहा है। सेक्टर 46 के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष आरएस नैन कहते हैं कि यह बहुत बड़ी समस्या है। गंदगी के कारण सेक्टर 46 के लोगों को उतनी ही परेशानी है, जितनी जलविहार वालों की। मगर इन वोटरों की लड़ाई कोई नेता नहीं लड़ता।