श्रमिक-प्रबंधन के बीच बढ़ती जा रही है दूरी
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : हीरो मोटोकार्प श्रमिक-प्रबंधन के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। श्रमिक अपनी मांग पर अड़े हैं। प्रबंधन अपनी ओर से विकल्प सामने रख रहा है। इस वजह से दोनों के बीच सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है।
प्रबंधन ने गुड़गांव प्लांट का स्पेयर पार्ट्स डिवीजन नीमराना स्थित प्लांट में स्थानांतरित करने का निर्णय ले रखा है। अगले जनवरी तक डिवीजन स्थानांतरित हो सकता है। डिवीजन में 500 से अधिक श्रमिक काम करते हैं। प्रबंधन ने तीन विकल्प सामने रखे हैं। श्रमिक नीमराना जा सकते हैं, गुड़गांव प्लांट में ही एडजस्ट हो सकते हैं या फिर हिसाब कर सकते हैं। अधिकांश श्रमिक हिसाब-किताब करने को तैयार हैं, लेकिन अपने मनमुताबिक। श्रम अधिकारियों के मुताबिक श्रमिक नियमानुसार मिलने वाली राशि के अलावा प्रति वर्ष के हिसाब से डेढ़ लाख रुपये (जबसे नौकरी कर रहे हैं) की मांग कर रहे हैं। प्रबंधन इस मांग को स्वीकार करने को तैयार नहीं। सहायक श्रम आयुक्त रमेश आहूजा के बाद ही श्रम उपायुक्त डा. अनुराधा लांबा ने श्रमिकों से हर स्तर बातचीत कर ली लेकिन बात नहीं बन रही है। डा. लांबा का कहना है कि बातचीत को पटरी पर लाने के लिए प्रयास जारी है। श्रमिकों को समझाया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही श्रमिक प्रबंधन की ओर से दिए गए विकल्प पर विचार करेंगे।
उपायुक्त ने संभाला मोर्चा
हीरो मोटोकार्प यूनियन के चार नेताओं के मामले को लेकर जिला उपायुक्त शेखर विद्यार्थी ने मोर्चा संभाल लिया है। पिछले कई महीने से यूनियन के चार नेता कंपनी से बाहर हैं। तीन दिन नेताओं के समर्थन में श्रमिकों ने हड़ताल कर दी थी। यही नहीं गुड़गांव से लेकर बावल तक की काफी औद्योगिक इकाइयों के श्रमिक इस मामले को लेकर लामबंद होने लगे हैं। इसे देखते हुए शेखर विद्यार्थी यूनियन नेताओं एवं प्रबंधन के साथ बैठक करेंगे। मालूम हो कि तीन दिन पूर्व हीरो मोटोकार्प के गुड़गांव प्लांट के श्रमिकों ने घंटों काम ठप कर दिया था। अतिरिक्त श्रम आयुक्त नरेश नरवाल सहित कई अधिकारियों ने समझा बुझाकर हड़ताल को खत्म करा दी लेकिन मामला ज्यों का त्यों है। इससे विवाद कभी भी भड़कने का अंदेशा है।