कामनवेल्थ खिलाडि़यों के दिल दिमाग पर हावी
फोटो: 30 जीयूआर 7 जेपीजी में
जागरण सवांददाता,गुड़गांव
माना जाता रहा है कि भारत में क्रिकेट एक धर्म है, एक जुनून है। यहां की जनता क्रिकेट के अलावा किसी और खेल को देखना पसंद नहीं करती। लेकिन इस बार स्वयं क्रिकेट खिलाड़ियों पर कामनवेल्थ खेलों का जुनून सिर चढ़ कर बोल रहा है। लंदन गई भारतीय क्रिकेट टीम फॉलोऑन खेलने पर मजबूर हो रही है लेकिन गुड़गांव के युवा खिलाड़ी भारतीय शूटर, पहलवानों व वेटलिफ्टिंग खिलाडि़यों के इवेंट देख मजा कर रहे हैं। क्रिकेट के खिलाड़ियों का कहना है कि चार साल में एक बार ऐसा मौका आता है कि ये खेल देखने को मिलते हैं और भारतीय खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
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'' ज्यादातर यह माना जाता है कि क्रिकेट खिलाड़ी किसी और के खेल को नहीं देखता। लेकिन सचिन को देखिये, अन्य खेलों को बढ़ावा दे रहे हैं। जबसे कामनवेल्थ खेल शुरू हुए हैं मैं कुश्ती, शूटिंग, बाक्सिंग के मुकाबले लगातार देख रहा हूं।
-- केशव सैनी, क्रिकेटर्स
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'' मैं क्रिकेट टेस्ट मैच पर नजर रखे हुआ हूं। लेकिन मुझे कुश्ती देखना बड़ा अच्छा लगता है। बीते दिन मैंने अमित कुमार के सभी मुकाबले देखे। फाइनल में उन्होंने गजब की कुश्ती का प्रदर्शन किया। ऐसा कभी कभार देखने को मिलता है।
--- अभिनव, क्रिकेटर्स
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'' मैं सुशील पहलवान को जानता हूं। उस की ताकत व दावपेंच देखने के लायक होते हैं। देर रात तक हुए मुकाबले देखें और सुशील के मेडल जीत की खुशी में मैं चैन से सोया।
--- कपिल यादव, क्रिकेटर्स
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'' मैं सभी खेलों को देख आनंद लेता हूं। जब से कामनवेल्थ खेल शुरू हुए हैं सभी खेलों के इवेंट देख रहा हूं। गोला फेंक ओम प्रकाश मेडल नहीं जीत पाए, मुझे दुख है लेकिन भारतीय पहलवानों ने उस की भरपाई कर दी।