सप्ताह का साक्षात्कार :स्नेचर और वाहन चोर होंगे तड़ीपार : राणा
फोटो 27 जीयूआर 2 जेपीजी में
-डीसीपी (क्राइम) बलवान सिंह राणा से बातचीत
- कहा, चेन स्नेचर व चोरी की बढ़ी वारदात सबसे बड़ी चुनौती
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साइबर सिटी में अन्य शहरों की तरह संगठित अपराध तो नहीं हैं लेकिन झपटमारों (स्नेचर) व चोरों ने नाक में दम कर रखा है। बदमाशों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह घर के सामने भी महिलाओं को निशाना बना देते हैं। पुलिस कर्मी घटना के दौरान उनकी परछाई भी नहीं छू पाते हैं। दूसरी ओर चोर भी लोगों की नींद उड़ाए हुए हैं। पलक झपकते ही वाहन से लेकर घर की सफाई कर चल देते हैं। नामी गिरामी बदमाशों की कमर तोड़ चुके पुलिस अधिकारियों से लेकर कर्मियों को जनता की खरी खोटी सुननी पड़ती है। आगे से ऐसा न हो इसके लिए पुलिस की क्या तैयारी है दैनिक जागरण संवाददाता सत्येंद्र सिंह ने कुछ दिन पहले ही पदभार संभालने वाले डीसीपी (क्राइम) बलवान सिंह राणा से बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश-
क्या झपटमारी व चोरी की वारदात कम होंगी?
बिलकुल (सोचते हुए)। जन-सुरक्षा के लिए ही सरकार ने हमें भेजा है। इलाका पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच की टीमें एक साझा प्लान बनाकर बदमाशों को हवालात दिखाने का प्रयास कर रही हैं। जल्द ही प्रयास रंग भी लाएंगे। कई बदमाश पकड़े भी गए हैं और वारदातों में कमी भी आई है। कुछ मामले झूठे भी निकले हैं।
स्नेचिंग को लेकर कानून सख्त हुआ है, क्या इसका असर दिखेगा?
असर दूरगामी होगा। अभी तक सजा कम थी। सजा एक या दो साल की होती थी लेकिन अब झपटमार को आरोप सिद्ध होने पर दस साल तक की सजा होगी। यदि साथ में अन्य कोई कठोर धारा हुई तो पंद्रह साल की सजा भी हो सकती है। ऐसे में अपनी मौजमस्ती के लिए धन जुटाने के लिए झपटमारी करने वाले युवा अपराध करने से डरेंगे।
प्रदेश के अन्य शहरों की अपेक्षा गुड़गांव में क्यों सबसे अधिक झपटमारी व चोरी होती है?
दरअसल, गुड़गांव में झपटमारी व चोरी दूसरे जिलों से आकर भी बदमाश करते हैं। कई मामले खुले तो सामने आया कि बदमाश मेवात व पश्चिमी उत्तर प्रदेश या दिल्ली अथवा झज्जर व सोनीपत से यहां आए और वारदात कर चले गए। यहां के कालेजों में भी पढ़ने वाले युवा बिंदास जीवन जीने के चक्कर में चोरी, झपटमारी करने लगते हैं। इन्हीं सब बातों को देखते हुए शहर की सभी सीमाओं पर क्राइम नाके भी बनाए गए हैं। यहीं नहीं सर्विलांस सिस्टम से भी जवान बदमाशों की टोह लेने में लगे रहते हैं। इसका ही नतीजा है कि पन्ना जिले के रेंजर व गार्ड का हत्यारा गुड़गांव में दूसरी वारदात करने से पहले पकड़ लिया गया। बदमाशों का डाटा बैंक भी तैयार हो चुका है। वारदात होते ही पीड़ित को बदमाशों की फोटो दिखाई जाती है ताकि उनमें से कोई हो तो उसे पकड़ा जा सके। यही नहीं जेल से छूटने के बाद भी आरोपी के क्रियाकलापों पर खाकी की निगाह होती है।
क्राइम ब्रांच मे तैनात कई पुलिस कर्मी झूठे मामला दर्ज कर रकम लेने के लिए चर्चित हैं। कुछ पुलिस वाले प्रापर्टी डीलिंग भी कर रहे हैं,क्या उन पर नकेल कसी जाएगी?
नकेल नहीं, उन्हें हवालात भेजेंगे। बस नाम सामने आ जाए। पुलिस आयुक्त व संयुक्त पुलिस आयुक्त की ओर से पहले ही सख्त निर्देश थे। अब खुद निगाह रख रहे हैं। भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अभी कई पुलिस कर्मी बर्खास्त किए गए हैं। कानून सब के लिए बराबर है। हां, कभी लोग झूठे आरोप भी लगा देते हैं। ऐसे में कई स्तर से जांच करने के बाद कारवाई की जाती है।
गुड़गांव में पहले भी आप तैनात रह चुके हैं। तब और अब में क्या अंतर है। क्या गुड़गांव पुलिस चपल हो गई है?
(हंसते हुए) बहुत अंतर हो गया है। पहले अपराध जांच के लिए बड़ी माथापच्ची करनी पड़ती थी। लेकिन सरकार व पुलिस आयुक्त आलोक मित्तल तथा अन्य अधिकारियों के प्रयास से अत्याधुनिक उपकरण मिल चुके हैं। साइबर क्राइम जांच में गुड़गांव पुलिस सुपर कॉप का खिताब भी जीत चुकी है। कुछ ही दिनों में नए वाहन भी मिलने जा रहे हैं। मैनपावर भी बढ़ेगा। कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि गुड़गांव पुलिस ने चोला बदल लिया है।
परिचय
नाम- बलवान सिंह राणा
गांव- पाकस्मा, जिला रोहतक, हरियाणा
जन्म - वर्ष -1962
एक बेटा व एक बेटी
बेटा- अभिनव, इंजीनियर
बेटी - निशा राणा, चिकित्सक
योग्यता व सर्विस कार्यकाल
दो विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वर्ष 1993 में हरियाणा पुलिस में बतौर इंस्पेक्टर भर्ती हुए
-बेसिक प्रशिक्षण के बाद पहली पोस्टिंग कैथल जिले में हुई
-वर्ष 2000 में प्रमोशन मिला और डीएसपी बनाए गए, गुड़गांव, फरीदाबाद सहित कई जिलों मे जिम्मेदारी निभाई
विशेष सम्मान
गुड़गांव में तैनाती के दौरान मुठभेड़ में इनामी बदमाशों को मार गिराने पर राष्ट्रपति के वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मुख्यमंत्री की ओर से भी विशेष सम्मान किया जा चुका है।
वर्ष 2011 में प्रमोशन मिला और एसपी/ डीसीपी के रूप में फरीदाबाद सहित कई जिलों में कार्य किया
वर्तमान में गुड़गांव कमिश्नरी में डीसीपी क्राइम की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
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शौक - साहित्य से लगाव, खाली समय में परिवार के साथ पुरानी मूवी देखना तथा शरीर को स्वस्थ रखना
लक्ष्य : अपराधियों को तड़ीपार करना। जहां पर तैनाती हो, वहां पर जन सुरक्षा पर जोर देने से लेकर काम के प्रति वफादार रहना।