दस दस फीसद सीटें बढ़ने पर संशय
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जागरण संवाददाता, गुड़गांव :
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय( एमडीयू)ने प्रदेश भर के कालेजों में स्नातक के हर कोर्स में दस दस फीसद सीटें बढ़ाने के निर्देश जरुर दिए थे,लेकिन अभी इस बाबत किसी तरह का दिशा निर्देश उच्चतर शिक्षा विभाग से नहीं मिला है ऐसे में कालेज प्रबंधन इन बढ़ी हुई सीटों पर कोई फैसला नहीं ले रहे हैं।
कालेजों के प्रबंधकों के मुताबिक विश्वविद्यालय बढ़ी हुई सीटों पर दाखिले के लिए कालेजों को बाध्य नहीं कर रहा है। जिन कालेजों में संसाधन उपलब्ध हैं वो कालेज चाहें तो दाखिला कर सकते हैं। जिन कालेजों में पहले से ही संसाधनों की कमी है और प्रबंधन को लगता है कि अतिरिक्त विद्यार्थी आने से पढ़ाई प्रभावित होगी उन्हें किसी प्रकार की बाध्यता नहीं है कि वे विद्यार्थियों को दाखिला दें। वैसे विश्वविद्यालय ने प्रोस्पेक्ट्स पर इन बातों का जिक्र किया है मौखिक तौर पर भी इन बढ़ी हुई सीटों पर दाखिला देने के लिए कालेज किसी भी प्रकार बाध्य नहीं करने की बात कह चुका है। मामला जो भी हो, लेकिन विद्यार्थियों के लिए यह एक निराश कर देने वाली बात जरुर है। क्योंकि विश्वविद्यालय के आदेश के बाद दाखिला पाने से वंचित रह गए छात्रों में उम्मीद जाग गई थी कि उन्हें भी दाखिला मिल सकेगा। सेक्टर 14 स्थित कालेज के प्राचार्य डा. ऊषा मलिक ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई सरकारी निर्देश नहीं मिला है। अगर विभाग से दिशा निर्देश मिले तो कालेज प्रबंधकों को दाखिला लेना पड़ेगा। उनका यह भी कहना है कि विश्वविद्यालय के ब्राशर में भी यही लिखा है कि सरकारी कालेज इन बढ़ी हुई सीटों पर दाखिला देने के लिए तबतक बाध्य नहीं है जबतक इन्हें सरकार आदेश नहीं देती।
रेलवे रोड स्थित द्रोणाचार्य राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डा. आरके यादव के मुताबिक सीमित संसाधनों पर सीटों पर विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं और अगर सीटें बढ़ाने का कोई सरकारी आदेश आता है तो उन्हीं संसाधनों में उन्हें अतिरिक्त विद्यार्थियों को भी एडजस्ट करना पड़ेगा।