कानून हाथ में लेने वाले बेटे को छुड़ाने पहुंचा खाकी वाला
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : सेक्टर पंद्रह पुलिस नाके पर दो पुलिस कर्मियों में तल्ख झड़प हुई। दोनों ने एक दूसरे की नौकरी लेने तक का दावा किया। जब जनता तमाशबीन बनी और मामला थाना प्रभारी तक पहुंचा तो दोषी पुलिस कर्मी को चेतावनी देकर मामला रफा-दफा कर दिया गया।
फसाद की जड़ चौदह साल का किशोर रहा, जो बृहस्पतिवार शाम करीब चार बजे सेक्टर पंद्रह पुलिस नाके से गुजर रहा था। सिर में हेलमेट नहीं देख नाके पर तैनात पुलिस कर्मी ने उसे रुकने को कहा। छोटू ने स्कूटी धीरे कि और जोर से कहा मेरे डैड भी पुलिस में हैं। यह कह उसने स्कूटी की गति तेज कर दी। नाके पर उस वक्त पांच मोटरसाइकिल सवार जांच के लिए रोके गए थे। उन्होंने नाबालिग चालक की बात सुन कहा उसे क्यों नहीं पकड़ते? वह खाकी वाले का बेटा इस लिए छोड़ दिया। यह सुन दो पुलिस कर्मियों को जोश आ गया और वह किशोर के पीछे मोटरसाइकिल से दौड़े। 32 माइल स्टोन के पास दोनों ने उसे रोक लिया और कागज मांगे। छोटू ने कहा कागज नहीं है, यह कहते हुए उसने अपने पप्पा को फोन लगा दिया। फोन रिसीव हुआ तो बेटे ने ताव से पुलिस वाले से कहा लो बात कर लो। मोबाइल कान में लगाते ही पुलिस कर्मी का चेहरा लाल हुआ। जिससे लगा कि खाकी वाले का खाकी का रौब दिखाया गया। दोनों पुलिस कर्मी स्कूटी सवार किशोर को नाके पर ले आए। यहां कुछ ही देर में किशोर का पिता भी आ गया। दोनों पुलिस वालों में नाके पर ही झड़प हुई। जिसके बाद नाके पर तैनात पुलिस कर्मी रौब दिखाने वाले पुलिस कर्मी के खिलाफ थाने में शिकायत देने पहुंच गए। जहां महकमे की लाज का हवाला देकर दोषी पुलिस कर्मी को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। जबकि और कोई होता तो सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में हवालात में होता। उसे मच्छर मार अगरबत्ती भी ना दी जाती। पूरी घटना के बाद भी बेटे के साथ थाने से निकले पुलिस कर्मी का चेहरा बता रहा था कि उसे कोई पश्चाताप नहीं। उसे लग रहा था कि छोरे का फेवर कर उसने प्रमोशन पा लिया। जबकि उसे पता है कि पुलिस आयुक्त नाबालिग चालकों के खिलाफ अभियान चलवा रहे हैं। शायद ऐसे लोगों के चलते बच्चे हादसों के जिम्मेदार होते हैं। घटना में यह या खुद जान गवां देते हैं या फिर किसी की जान ले लेते हैं।