राजनीति का गढ़ बना प्रतिबंधित दायरा
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की कवायद के चलते चुनाव लड़ने वाले पूरी तरह सक्रिय हैं। गुड़गांव विधानसभा से चुनाव लड़ने का सपना देखने वाले नेताओं ने इस समय अपना पूरा फोकस आयुध डिपो के प्रतिबंधित नौ सौ मीटर दायरे में कर रखा है। इस दायरे में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा विकास कार्य पर रोक है। दूसरी ओर नेता इस दायरे में नारकीय जीवन जीने वालों को तमाम सुविधाएं मुहैया कराने का दावा कर रहे हैं। जबकि यह नहीं जानते कि कैसे विकास होंगे लेकिन वोट के लिए वह लोगों को लुभाने में लगे हैं।
प्रतिबंधित दायरे में दो दर्जन से अधिक कालोनियां आती हैं। यहां नए निर्माण पर पूरी तरह रोक है। साथ ही इस दायरे में विकास कार्य पर भी रोक लगी है। हालांकि दो माह पूर्व हाईकोर्ट ने बिजली-पानी कार्य कराने की अनुमति दी है। बिजली मीटर के लिए वर्ष 2010 तक बने मकानों को ही अधिकार दिया है। दूसरी ओर गुड़गांव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए हर पार्टी के तीन-चार उम्मीदवारों ने इसी एरिये को अपने लक्ष्य पर ले रखा है। इस एरिये में करीब ढाई लाख लोग रहते हैं। इसके चलते नेता इन्हीं लोगों के सहारे जीत का सपना देख रहे हैं। इसके लिए वह लोगों से नजदीकी बढ़ाने के साथ ही उनके एरिये के कायाकल्प करने एवं आयुध डिपो को शिफ्ट करने का सपना दिखा रहे हैं। इस एरिये में हर रोज करीब एक दर्जन बैठकों के अलावा नुक्कड़ सभा का आयोजन हो रहा है। इसमें नेता लोगों को सब्जबाग दिखाकर इस एरिये के कायाकल्प व विकास की गंगा बहाने का दावा कर रहे हैं। जबकि हकीकत में वह भी नहीं जानते कि यहां बिना हाईकोर्ट के निर्णय के वह कुछ नहीं कर सकते। ऐसे में साफ है कि वह लोगों को लुभाने सपने दिखाकर उनकी वोट पाने की मशक्कत कर रहे हैं। इस एरिये में अधिकतर दूसरे राज्यों के लोग रहते हैं और इसी का फायदा उठाते हुए नेता इस समय बीपीएल कार्ड, वोटर आइडी सहित दूसरे दस्तावेज बनवाने के अलावा उनकी तमाम समस्याओं का निदान करने का दंभ भर रहे हैं। दूसरे राज्य के लोग नेताओं की बात से कितना सरोकार रखते हैं यह आने वाले समय में ही पता चलेगा। हालांकि वर्तमान में वह हर नेता का साथ देने की बात कह सभी का उत्साह बनाए हुए हैं।