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बिजली निगम के आइएसओ 9001 पर प्रश्नचिन्ह

By Edited By: Published: Wed, 23 Jul 2014 06:48 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jul 2014 06:48 PM (IST)
बिजली निगम के आइएसओ 9001 पर प्रश्नचिन्ह

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा प्राप्त आइएसओ 9001 के ऊपर प्रश्नचिन्ह खड़ा होने लगा है। इस प्रमाणपत्र का मतलब होता है व्यवस्था में लगातार सुधार लाना। ऐसा निगम में नहीं दिख रहा है। व्यवस्था बद से बदतर ही होती जा रही है। यह चर्चा निगम के भीतर व बाहर चलने लगी है।

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तीन वर्ष पूर्व निगम ने आइएसओ 9001 प्राप्त किया था। निश्चित रूप से उस समय व्यवस्था पटरी पर चढ़ती हुई दिखाई दे रही थी। बिजली कटौती थी लेकिन लोकल सिस्टम की वजह से नहीं बल्कि बिजली की कमी की वजह से। फ्यूज उड़ने पर या ट्रांसफार्मर में गड़बड़ी पैदा होने पर निगम कर्मी दौड़कर आते थे। पिछले दो वर्षो से व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतरी हुई है। साधारण फ्यूज उड़ने पर भी घंटों बिजली गुल रहती है। एबी केबल में गड़बड़ी की समस्या काबू नहीं आ रही है। दो साल से लगातार लोग इस समस्या को झेल रहे हैं। न ही घरेलू क्षेत्र में और न ही औद्योगिक या व्यवसायिक क्षेत्र में बिजली कनेक्शन समय पर जारी होते हैं। एक भी योजना समय पर पूरी नहीं हो रही है। विश्व बैंक योजना पर कई वर्षो से काम चल रहा है, कब पूरा होगा इसका पता नहीं। वर्षो से घरों से बाहर मीटर लगाने की योजना चल रही है। इस पर कभी काम तेज हो जाता है, कभी धीमा हो जाता है। सोहना रोड पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस चौक से लेकर बादशाहपुर पावर हाउस तक एबी केबल को भूमिगत करने की योजना तीन साल पहले बनी लेकिन अब तक इस पर एक इंच भी काम नहीं हुआ। इसी तरह सभी योजनाएं अधर में लटकी पड़ी हैं। बिजली बिलों में गड़बड़ी की शिकायत कम नहीं हो रही है। अधिकांश बिजली शिकायत केंद्रों की हालत जर्जर है। सेक्टर 14 स्थित शिकायत केंद्र की हालत इतनी जर्जर है कि इसमें बिजली कर्मी भी बैठने से कतराते हैं। अधिकांश अधिकारी समय से कार्यालय नहीं पहुंचते हैं। इसे देखते हुए निगम के भीतर व बाहर चर्चा चलने लगी है कि आखिर किस आधार पर आइएसओ 9001 प्राप्त है। दबी जुबान से निगम कर्मी कहते हैं कि जब प्रमाण पत्र देने वाले आते हैं उस दौरान सभी काफी सक्रियता दिखाते हैं। इस आधार पर प्रमाण पत्र का नवीनीकरण हो जाता है। बाद में फिर स्थिति जस की तस। डीएलएफ निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता रामशरण वर्मा कहते हैं कि वह समय-समय पर किसी न किसी कार्यालय में जाते हैं। पता लगाने का प्रयास करते हैं कि अधिकारी कितने बजे आते हैं, कितने बजे जाते हैं। इस मामले में बिजली निगम के कई अधिकारी लापरवाह हैं। एकाध आला अधिकारी भी इसी दायरे में हैं। जब भी पता करो तो जानकारी दी जाती है साहब बैठक में हैं। दूर-दूर से अपने काम से पहुंचने वाले लोग निराश होकर लौट जाते हैं। ऐसा माहौल आइएसओ 9001 प्राप्त महकमे का नहीं होना चाहिए।

''ऐसा नहीं है कि पिछले तीन वर्षो के दौरान सुधार नहीं हुआ है। हां, पिछले कुछ समय के दौरान लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। इसके लिए लोकल सिस्टम को मजबूत बनाने पर जोर दिया जा रहा है।''

-विजय चौधरी, निदेशक, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम


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