बालिका विद्यालयों में नहीं होगी ग्यारहवीं की पढ़ाई
जागरण संवाददाता, नूंह : मेवात जिले में लड़कियों की शिक्षा में मील का पत्थर साबित हो रहे कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में इस बार ग्यारहवीं कक्षा में दाखिले नहीं होंगे। शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों को बारहवीं कक्षा तक के दाखिलों के लिए दी दो वर्ष की अस्थाई मान्यता को आगे नहीं बढ़ाया। इस फैसले से यहा लड़कियों की शिक्षा में गिरावट आएगी।
कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में लगभग एक हजार लड़किया पढ़ रही है। मेवात जिले के हर ब्लाक में प्रदेश व केंद्र सरकार की तरफ से कस्तूरबा गाधी बालिका विद्यालय चल रहे है। इन स्कूलों का पूरा स्टाफ महिलाओं का है। इसके कारण में मेवात के अभिभावक अपनी बेटियों को यहा पढ़ाना ज्यादा पंसद करते है। उन स्कूलों में स्टाफ भी मेहनती होने के कारण पिछले कई सालों से उनका परीक्षा परिणाम भी बेहतर रहा है। सरकारी स्कूल होने के बावजूद इन स्कूलों में दाखिले के लिए मारामारी रहती है। छात्राओं को इस रुझान व अभिभावकों की माग को ध्यान में रखते हुए दो वर्ष पहले परिवहन मंत्री आफताब अहमद ने इन स्कूलों को बारहवीं तक दो साल की अस्थाई मान्यता दिला दी थी। दोनों कक्षाओं में दाखिले भी खूब हुए लेकिन इस बार उच्च अधिकारियों ने ग्यारहवीं कक्षा में दाखिले पर रोक लगा दी है। जिससे अभिभावकों में भारी रोष है।
क्या कहते है अभिभावक
पूर्व जिला पार्षद नसीम अहमद, हारुन एडवोकेट, ताहिर हुसैन, सुभान खान, पूर्णमल, सुखीराम का कहना है कि एक तरफ तो सरकार शिक्षा का अधिकार कानून प अमल करने पर जोर दे रही है, दूसरी तरफ बेहतर चल रहे स्कूलों को मान्यता नहीं दी जा रही है। उक्त लोगों ने शिक्षामंत्री, परिवहन मंत्री, वित्तायुक्त से माग की है कि उन स्कूलों को मान्यता दिलवाए। ये स्कूल ऐसे हैं, जहां छात्रावास में रहना, खाना व किताबे फ्री है। अभिभावकों ने मांग की है कि यहां बारहवीं तक की मान्यता बढ़ायी जाय।
अधिकारी का कथन
इन स्कूलों का सुपरविजन कर रहे शिक्षा अधिकारी सोमवीर सिंह राणा का कहना है कि इन स्कूलों को दो वर्ष की अस्थाई मान्यता इस बार नहीं दी। उन्होने विभाग से आग्रह किया था लेकिन बात नहीं बनी। निश्चित तौर पर इससे लड़कियों की आगे की पढ़ाई में परेशानी होगी।