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कक्षा तत्परता कार्यक्रम के लिए शिक्षक तैयार

By Edited By: Published: Fri, 18 Apr 2014 06:29 PM (IST)Updated: Fri, 18 Apr 2014 06:29 PM (IST)
कक्षा तत्परता कार्यक्रम के लिए शिक्षक तैयार

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : पढ़ाई की एकरसता से विद्यार्थियों को बचाने व उन्हें रोचक तरीके से शिक्षा देने के लिए सीआरपी (क्लास रेडीनेस प्रोग्राम) यानि कक्षा तत्परता कार्यक्रम के तहत मॉड्यूल के जरिए पढ़ाने के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं। शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलवा कर तैयार किए जाने का काम पूरा किया जा रहा है।

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सीआरपी के तहत विद्यार्थियों के लिए एससीईआरटी (राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान) ने बीस से अधिक गतिविधियां डिजाइन की हैं, जिससे विद्यार्थियों के लिए कक्षा शिक्षा को रोचक बनाया जा सके। एससीईआरटी के इस कार्यक्रम के प्रभारी मनोज कौशिक ने बताया कि इस प्रोग्राम के तहत जो कंटेंट मॉड्यूल दिया गया है उससे तो पढ़ाना ही है साथ ही स्कूल हेड के लिए एक मार्ग दर्शिका भी दी गई है, ताकि वे इस प्रोग्राम को किस तरह लागू करें उस बारे में जानकारी हो। इस बारे में लगातार शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करवाए जा रहे हैं।

प्रशिक्षण प्राप्त करके आई कन्या नंबर वन की हेड शिक्षक अनीता भंडारी ने बताया कि इससे विद्यार्थियों को निश्चित रूप से काफी फायदा पहुंचता है। उन्होंने बताया कि जब बच्चे दाखिले के शुरुआत में बाहर चले जाते हैं या किताबें नहीं आ पाती तो उस दौरान उन्हें खेल खेल में पढ़ाया जाता है जो उनके शारीरिक व बौद्धिक विकास के लिए काफी सहायक साबित होता है।

सीआरपी के गतिविधियों के बारे में मनोज कौशिक कहा कि इसके तहत पुस्तकालय सप्ताह का आयोजन होगा, जिसमें विद्यार्थियों को टेक्स्ट बुक से हटकर रोचक किताबों को पढ़ने का अवसर मिल सकेगा। इस तरह से पुस्तकों से विद्यार्थियों की दोस्ती हो सकेगी। सुलेख लेखन सप्ताह का आयोजन होगा, जिसके तहत विद्यार्थियों के लिए सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन होगा जिसके लिए उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा योग व व्यायाम की कक्षाएं नियमित रूप से लगाई जाएंगी। न्यूनतम अधिगम स्तर का आकलन भी इस कार्यक्रम का हिस्सा है। इसके तहत विद्यार्थियों को विभिन्न ग्रेड देकर कमजोर विद्यार्थियों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। ज्ञान के प्रति जिज्ञासा पैदा करने के लिए विद्यर्थियों को छोटे छोटे समूहों में बांटकर उन्हें विषय दिए जाएंगे जिसपर उन्हें काम करना होगा व फिर प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाएगी।

हालांकि अभी स्कूलों को गतिविधि मॉड्यूल नहीं मिले हैं, लेकिन शिक्षकों ने विभिन्न गतिविधियों व पुराने मॉड्यूल के मुताबिक पढ़ाना शुरू कर दिया है। इस बारे में सैनीखेड़ा स्कूल के अध्यापक तरुण सुहाग ने कहा कि उन्होंने विद्यार्थियों को खेल खेल में पढ़ाना शुरू कर दिया है।


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