औद्योगिक एरिये में भी रोशनी का अभाव
वरिष्ठ संवाददाता, गुड़गांव : आम व खास एरिया ही नहीं बल्कि औद्योगिक एरिये में भी रोशनी का अभाव है। रोड पर स्ट्रीट लाइट तो नजर आती हैं लेकिन इनमें से कई शोपीस बन चुकी हैं। उद्योग विहार के पांचों फेस के औद्योगिक एरिये सहित आसपास की मुख्य रोड व गांव के हालात भी खराब हैं। वहां भी सूर्य अस्त होते ही अंधेरा पसर जाता है। स्थिति यह है कि कापसहेड़ा बार्डर के समीप अंधेरे में डूबी सड़क के बीच लोगों को आवाजाही करनी पड़ती है। इसके चलते आए दिन एक्सीडेंट के केस सामने आते हैं।
फेस्टिवल सीजन में शहर को रोशनी से जगमग करने का दावा करने वाले अधिकारी अपने कार्यालय में बैठकर बड़ी-बड़ी योजनाएं तो बनाते हैं लेकिन वह धरातल पर कितना पहुंच रही यह देखने का प्रयास नहीं करते हैं। यही कारण है कि उनकी कई योजनाएं कागजों में ही कैद होकर रह जाती हैं। जबकि यह अधिकारी यदि शहर का भ्रमण रात को करें तो पता चलेगा कि लोग कितने असुरक्षित हैं। मुख्य रोड से लेकर गलियां सभी जगह अंधेरा व्याप्त है। जहां कुछ लाइट हैं, तो वह इतनी पुरानी हो चुकी हैं कि वह अंधेरा दूर करने में सफल नहीं हो पाती हैं। उद्योग विहार के फेस वन से लेकर फाइव के कई एरियों में सालों पुरानी स्ट्रीट लाइट लगी है। कई खराब हो चुकी हैं, तो कई के पोल ही बचे हैं। इसी अंधेरे के बीच औद्योगिक एरिया में काम करने वाले आवाजाही करने को विवश हैं। सबसे अधिक दिक्कत महिलाओं को आती है जो अंधेरे में असुरक्षा के बीच कंपनी से घर जाती हैं। अंधेरे के कारण ही उद्योग विहार में एक्सीडेंट की घटनाएं काफी होती हैं। इस एरिये से लगते गांव मोलाहेड़ा, चौमा, डूंडाहेड़ा, सरहौल आदि की गलियों के हाल भी काफी खराब हैं। यहां तो स्ट्रीट लाइट छोड़ों सालों पुरानी ट्यूबलाइट ही नजर आती है। उसकी रोशनी पोल तक ही सीमित रहती है। कई तो खराब पड़ी हैं और इसी प्रकार के हालात स्ट्रीट लाइट के भी हैं।
मुख्य रोड अंधेरे में
शंकर चौक से ओल्ड दिल्ली रोड, डूंडाहेड़ा से कापसहेड़ा बार्डर, डूंडाहेड़ा से सरहौल सहित आसपास के लिंक रोड पर सूर्य अस्त होते ही अंधेरा पसर जाता है। इन रोड पर करीब बीस-पच्चीस साल पुरानी स्ट्रीट लाइट लगी है लेकिन अधिकतर बंद है।
दर्जनों चोरी की वारदात
अंधेरे का फायदा असामाजिक तत्व उठाने में देर नहीं करते है। यही कारण है कि अंधेरे में डूबे इस क्षेत्र में पिछले छह माह में साठ से अधिक चोरी की वारदात हुई हैं। झपटमारी की बात करें तो उसका आंकड़ा भी दो दर्जन से अधिक है। पुलिस भी इन अपराध के लिए अंधेरे को ही मुख्य कारण मानती है। पुलिस का कहना है कि यदि रोड टर्न वाली जगह पर भी लाइट हो, तो काफी एक्सीडेंट की घटनाओं पर विराम लग सकता है।
सरकारी एजेंसी खुद अंधेरे में
''सरकारी एजेंसी ही इस एरिये में व्याप्त अंधेरे के लिए जिम्मेदार है। कई बार शिकायतें की लेकिन किसी के भी कानों में जूं नहीं रेंगी। हालात यह है कि मुख्य रोड अंधेरे में डूबी हैं लेकिन कोई भी इसकी सुध लेने को तैयार नहीं है। इससे तो लगता है कि आला अधिकारियों को मातहत अंधेरे में रखकर सही जानकारी नहीं दे रहे हैं।''
-प्रवीण यादव, प्रधान, गुड़गांव उद्योग इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन
कई बार पत्र लिखे
''औद्योगिक एरिया होने के कारण यहां पर व्याप्त अंधेरा सभी के लिए खतरनाक है। अपराध, चोरी सहित कई प्रकार की घटनाएं अंधेरे के कारण होती हैं। कई बार सरकारी एजेंसियों को पत्र लिखे, लेकिन किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं गया। इससे तो लगता है कि कहीं कागजों में ही तो स्ट्रीट लाइट लगाना व उसे ठीक करने का खेल तो नहीं चल रहा है।''
-ईश्वर सिंह, उद्योगपति, उद्योग विहार
जेब से लगाई लाइट
''औद्योगिक एरिये के कोनों पर कई बार अपनी जेब से पैसा खर्च कर लाइट लगवाई, ताकि वहां पर एक्सीडेंट की घटनाएं न हों। इसके बाद भी अधिकारी इस ओर देख ही नहीं रहे हैं। यदि हमने एक बार लाइट लगवा दी तो कम से कम सरकारी एजेंसी वाले उसका रख-रखाव तो कर सकते हैं।''
-राजीव मेहरा, उद्योगपति
मुख्य रोड पर जल्द लगेगी लाइट
''शंकर चौक से ओल्ड दिल्ली रोड, डूंडाहेड़ा से कापसहेड़ा बार्डर के अलावा शहरीकृत गांव में जहां भी लाइट नहीं है वहां नई लाइट लगाने का काम शुरू कर दिया है। मुख्य रोड पर लाइट लगाने की टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।''
-बलजीत सिंह सिंगरोहा, चीफ इंजीनियर नगर निगम
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