नहीं मिली मान्यता, छात्राएं परेशान
जागरण संवाद केंद्र, नूंह : यहां चल रहे कस्तूरबा गाधी बालिका विद्यालयों को सरकार ने वर्ष 2012 में सीनियर सेकेंडरी का दर्जा देने की घोषणा कर दी थी, लेकिन विभाग ने इन स्कूलों को अभी तक मान्यता नहीं दी है। वहीं पंद्रह दिन बाद बारहवीं कक्षा के प्रथम सेमेस्टर के फार्म भरे जाने है। ऐसे में छात्राओं में भविष्य को लेकर चिंता बनी हुई है।
इन स्कूलों में 12वीं कक्षा में फिलहाल लगभग पौने दो सौ छात्राएं पढ़ाई कर रही है। इतना ही नहीं कई दिन पहले मान्यता को लेकर अभिभावकों ने शिक्षा अधिकारी ज्योति छिकारा के कार्यालय में बवाल भी काटा है। पहले ये स्कूल दसवीं कक्षा तक थे। स्कूलों में बेहतर शिक्षा दिए जाने के कारण अभिभावकों व छात्राओं का रुझान तेजी से इन स्कूलों की ओर बढ़ा है। अभिभावकों ने लगातार उन स्कूलों में बारहवीं कक्षा तक का करने की मांग उठाई। विधायक आफताब अहमद ने 8 मार्च 2012 को विधानसभा में रखा तो मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उन स्कूलों को बारहवीं कक्षा तक करने की घोषणा कर दी। हालात ये है अब इन स्कूलों में करीब पौने दो सौ लड़किया बारहवीं की पढ़ाई कर रही है, लेकिन सवा वर्ष बीत जाने के बावजूद इन स्कूलों को बारहवीं का दर्जा नहीं दिया गया है। जबकि इन स्कूलों की देखरेख कर रही प्रबंधन कमेटी ने इस बारे में कई बार माग की है। इसी महीने बारहवीं कक्षा के प्रथम समेस्टर के फार्म भरे जाने है, जबकि स्कूलों को अभी मान्यता भी नहीं मिली है। इलियास, जुबेर, शहिद, रमेश व ताहिर हुसैन का कहना है कि शिक्षा विभाग छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ रहा है, इस महीने फार्म भरे जाने है, लेकिन स्कूलों को मान्यता ही नहीं मिली है। इसके कारण छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है।
हम उच्चाधिकारियों से लगातार माग कर रहे है। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल से भी बात हुई है। उन्होंने जल्द ही मान्यता दिलवाने का भरोसा दिया है। उन्होंने उम्मीद है कि जल्द कामयाबी मिलेगी।
शिक्षा अधिकारी ज्योति छिकारा
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