विद्यार्थियों से लगवाए नेट पोल, 5 घंटे बाद शुरू हुई प्रतियोगिता
मुकेश खुराना, फतेहाबाद : देश व प्रदेश में सरकार दावे कर रही है कि गोल्ड मेडल जीतकर
मुकेश खुराना, फतेहाबाद : देश व प्रदेश में सरकार दावे कर रही है कि गोल्ड मेडल जीतकर लाने वाले खिलाड़ियों को करोड़ों रुपये के इनाम व नौकरी दी जाएगी। लेकिन ये सब तक मुमकिन होगा जब खिलाड़ी धरातल पर तैयार होंगे। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही ब्यां कर रही है। खिलाड़ियों के पास न कोच है न मैदान और ही सामान है। ये भी तब है जब करोड़ों रुपये का बजट मिल रहा है लेकिन खिलाड़ियों को सुविधाएं शून्य है। ऐसा ही मामला जिला खेलकूद प्रतियोगिता के पहले दिन सामने आया है। जब खिलाड़ियों को शिक्षा विभाग की अव्यवस्था का शिकार होना पड़ा। जिला मुख्यालय के राजकीय वरिष्ठ सीनियर सेकेंडरी स्कूल के खेल मैदान में आयोजित जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंचे खिलाड़ियों को मैदान तैयार ही नहीं मिला। मैदान में किसी भी खेल के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। इंतजार के बाद खिलाड़ियों को खेल स्टेडियम में भेज दिया गया। नेटबॉल प्रतियोगिता के लिए मैदान तैयार करवाने के लिए तपती दोपहर में राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों से मजदूरी करवाई गई। करीब एक घंटे तक विद्यार्थियों ने मैदान तैयार किया और उसके बाद नेटबॉल प्रतियोगिता शुरू हो सकी।
मामले के अनुसार जिला स्तरीय स्कूली खेल प्रतियोगिता बृहस्पतिवार को शुरू हुई हैं। क्रिकेट, नेटबॉल, बेसबॉल, फुटबॉल, साफ्टबॉल, प्रतियोगिता राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित होनी थी। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अलग-अलग खंडों से सैंकड़ों खिलाड़ी पहुंचे। लेकिन मैदान की हालत देखकर खिलाड़ियों के चेहरे पर निराशा आ गई। स्कूल का मैदान ही तैयार नहीं था। क्रिक्रेट, बेसबॉल, फुटबॉल, साफ्टबॉल के लिए मैदान तैयार न होने के कारण लंबे इंजतार के बाद खिलाड़ियों को स्टेडियम में भेज दिया गया। नेटबॉल प्रतियोगिता मैदान में करवाई जानी थी लेकिन यहां पर लगे पोल टेडे-मेड़े थे। नेट पोल ठीक करवाने के लिए विद्यार्थियों की पढ़ाई रूकवाकर उन्हें स्कूल से बुलाया गया। और दोपहर दो बजे विद्यार्थियों से मैदान ठीक करवाया गया तथा चूना डलवाया गया। सुबह होने वाली नेटबॉल प्रतियोगिता दोपहर बाद शुरू हो सकी।
--भूखे-प्यासे करते रहे इंतजार
नेटबॉल प्रतियोगिता में करीब 5 स्कूलों की टीमें भाग ले रही थी। दोपहर दो बजे तक विद्यार्थी खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय की दीवार पर बैठकर मैदान तैयार होने का इंततार करते रहे। इस दौरान खिलाड़ियों के लिए रिफ्रेशमेंट की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।
--प्राइवेट स्कूलों पर निर्भर शिक्षा विभाग :
जिले के करीब 40 फीसद स्कूलों मे मैदान ही नहीं है। अगर हैं तो वह पर खेल के सामान या फिर मैदान ऊबड़-खाबड़ हैं। जिला स्तरीय प्रतियोगिता के लिए भी शिक्षा विभाग प्राइवेट स्कूलों के मैदान पर निर्भर है। 16 खेल ऐसे हैं जो अब 10 प्राइवेट स्कूलों के मैदान पर करवाए जाएंगे।
--------
विद्यार्थी बोले मैदान ऊबड़-खाबड़ :
नेटबॉल प्रतियोगिता में भाग लेने आए खिलाड़ी पुष्कर ने कहा कि सुबह स्कूल से यहां पर प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आए थे। मैदान तैयार न होने के कारण 6 घंटे से बैठे हैं। खिलाड़ी चिराग ने कहा कि मैदान ऊबड़-खाबड़ है, कैसे सही ढंग से खेल पाएंगे। पोल भी सही तरीके से नहीं लगे हैं। दोपहर हो गई सभी मैदान तैयार होने का इंतजार कर रहे हैं।
-------
प्रतियोगिता शुरू होने से पहले मैदान तैयार होना चाहिए। अगर मैदान तैयार नहीं है तो लापरवाही है। मैं खुद चेक करूंगा कि कहां-कहां कमी है। जहां पर कमी है वहां पर खेल मैदान दुरस्त किए जाएंगे।
- दयानंद सिहाग
जिला शिक्षा अधिकारी, फतेहाबाद