Move to Jagran APP

छह महीने की ताजपोशी में घिर गए नप प्रधान

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: नप की बैठक में शहर की अनेक गलियों व मोहल्ले का नाम बदलने का मामला गहराता

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 01:01 AM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 01:01 AM (IST)
छह महीने की ताजपोशी में घिर गए नप प्रधान
छह महीने की ताजपोशी में घिर गए नप प्रधान

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: नप की बैठक में शहर की अनेक गलियों व मोहल्ले का नाम बदलने का मामला गहराता जा रहा है। नप प्रधान की ताजपोशी को महज छह महीने हुए हैं। लेकिन आधे से अधिक शहरवासियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। विरोध करने का मुख्य कारण शहर की अनेक कालोनियों का नाम बदलने का है। नगरपरिषद ने केवल पार्षदों की सहमति लेकर ही नाम बदलने का फैसला ले लिया है। अगर नामकरण से पहले मोहल्लावासियों की राय लेती तो इस विवाद से बचा जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अगर समय रहते इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं हुआ तो ये विरोध के सुर अधिक तेज हो सकते है।

loksabha election banner

तीन दिन पहले नगरपरिषद कार्यालय में सभी पार्षदों की बैठक हुई। इस बैठक में नप प्रधान ने सभी पार्षदों के सामने नई प्ला¨नग रखी। इसके तहत शहर की अनेक कॉलोनियों व गलियों के नाम में बदलाव करना था। सभी पार्षदों ने इस बदलाव पर सहमति भी जता दी। पार्षदों ने प्रस्ताव क्या पास किया कि अगले ही दिन इसका विरोध भी हो गया। विरोध भी क्यों न हो जिस गली का नाम आज से 30-40 साल पहले रखा गया था उसे बदले जा रहे है। नप ने जिन गलियों के नाम में बदलाव की पेशकश की है उस गली के लोगों में आक्रोश इतना है कि डीसी दरबार में गुहार लगानी पड़ रही है।

--ये हुआ था फैसला

नगर परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया है कि भूना रोड पर ऑटो मार्केट के सामने जवाहर चौक को जाने वाले मार्ग के मोड़ पर चौक बनाया जाएगा। इस चौक का नाम भागीरथ चौक रखा जाएगा। इसके आगे खेमाखाती रोड स्थिति मोड़ तक जाने वाले रोड का नाम रविदास मार्ग रखा जाएगा। खेमाखाती मोड़ पर एक चौक बनाया जाएगा। इसका नाम पंचनद चौक रखने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके अलावा नागरिक अस्पताल के समीप कबीर चौक बनाया जाएगा। पास ही बस्ती है, जिसे कबीर बस्ती के नाम से जाना जाता है। इसलिए यहां कबीर चौक बनाया जाएगा। अशोक नगर में कालू राम मार्ग का नाम बदला जाएगा। इसका नाम अंबेडकर मार्ग रखे जाने का प्रस्ताव पारित किया गया।

------------------

इन नामों पर विवाद

अशोक नगर में कालू राम मार्ग का नाम बदलने पर वहां पर रहने वाले नायक समाज ने विरोध शुरू कर दिया है। इस मार्ग का नाम अंबेडकर मार्ग रखे जाने प्रस्तावित हुआ है। कालूराम मार्ग पर रहने वाले नायक समाज के लोगों ने कहा कि इस मार्ग का नाम नौ साल पहले नोटिफिकेशन के जरिए हुआ है। इसलिए इस मार्ग का नाम न बदला जाएगा। नायक समाज ने एक दिन पहले डीसी व नप प्रधान को आपत्ति दर्ज करवा दी है। उनका कहना है कि अंबेडकर के नाम से अनेक मार्ग हैं इसलिए इस मार्ग का नाम न बदला जाए।

------------------

जांगड़ा समाज ने भी जताई आपत्ति

खेमाखाती रोड का नाम रविदास के नाम से रखने पर जांगड़ा समाज भी नगरपरिषद के खिलाफ हो गया है। समाज के लोगों ने कहा कि खेमाखाती का नामकरण 30 साल पहले किया था। ऐसे में इस रोड का नाम बदलना भी गलत है। उन्होंने डीसी को दी शिकायत में बताया कि 1962 में शहर में बाढ़ आई थी। उस समय स्वर्गीय खेमा राम ने अपने समाज के अनेक लोगों के साथ मिलकर अनेक लोगों की जान बचाई थी। जिसके बाद इस मार्ग का नाम खेमाखाती मार्ग रखा गया था। लेकिन अब नगरपरिषद उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। अगर नप उनके मार्ग का नाम बदलने का प्रयास करती है तो वे कोर्ट में जाएंगे।

--नाम बदलने पर कानूनी अड़चनें भी

नगर परिषद ने शहर के अनेक कॉलोनियों व मार्ग के नाम बदलने का निर्णय तो ले लिया है। लेकिन इसमें कानूनी अड़चनें आ सकती है। 30-40 साल से जो लोग इन गलियों में रह रहे है उनके दस्तावेजों पर गली का नाम अंकित है। अगर नाम बदला जाता है तो कानूनी अड़चनों का सामना इन लोगों को करना पड़ सकता है। इसलिए नगर परिषद को इन नामों के बदलाव में एक बार फिर सोचना होगा।

--एक्सपर्ट व्यू

मार्ग व मोहल्ले का नाम बदलना गलत है। नाम बदलने से लोगों को कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे जो लोग खेमाखाती मार्ग पर रह रहे है उनके कागजात में खेमाखाती मार्ग ही लिखा हुआ है। अगर मार्ग का नाम रविदास मार्ग किया जाता है तो आने वाले समय में लोगों को परेशानी हो सकती है। कागजात में नाम बदलवाना लंबी प्रक्रिया है। इसलिए इन नामों को न बदला जाये तो ही ठीक है। इसका नुकसान आम लोगों को होगा।

-सुशील बिश्नोई, पूर्व बार एसोसिएशन प्रधान।

--विरोधियों के सुर भी हुए तेज

नप प्रधान की कुर्सी संभाले हुए अभी छह महीने ही हुए है। लेकिन शहरवासियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अगर शहर का विकास नाम बदलकर होता तो वे अपने कार्यकाल में पहले ही बदल देते। प्रधान केवल अपने चहते पार्षदों के कहने पर ही वर्षो पुराने मार्गो का नाम बदलवाना चाह रहे है। नाम बदलने से अनेक लोगों की भावना भी आहत होगी। जिससे जात-पात का भी सवाल खड़ा हो जाएगा।

-वीरेंद्र नारंग, पूर्व नप प्रधान फतेहाबाद

--नगर की मौजूदा सरकार के ये बोल

नप की बैठक में पार्षदों की सहमति से नाम बदलने का निर्णय लिया गया है। अभी नाम बदले नहीं गये है। लोग अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकते है। आपत्ति दर्ज होने के बाद इस पर पुनर्विचार भी कर सकते हैं। मेरा मकसद किसी के भावना के साथ खिलवाड़ करना नहीं है बल्कि विकास करवाना है।

-दर्शन नागपाल, प्रधान नगरपरिषद फतेहाबाद।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.