भाव के भूखे हैं भगवान श्रीकृष्ण : सदानंद
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: भगवान मनुष्य द्वारा चढ़ाए गए चढ़ावे को नहीं देखते बल्कि उसके भाव को देखते
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: भगवान मनुष्य द्वारा चढ़ाए गए चढ़ावे को नहीं देखते बल्कि उसके भाव को देखते हैं। यह बात सदानंद महाराज ने कही। वो कृष्ण प्रणामी द्वारा अनाजमंडी स्थित राम सेवा समिति धर्मशाला में आयोजित सत्संग समारोह में प्रवचन कर रहे थे। प्रवचन में महाराज ने उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने जिस तरह दुर्योधन के अहंकार से भरे मेवों को त्यागा और विधुरानी द्वारा प्रेम से खिलाए गए केलों के छिलकों को खाना स्वीकार किया। इसी तरह ही भगवान श्रीराम ने भीलनी द्वारा भाव से खिलाए झूठे बेरों को खाना स्वीकार किया। महाराज ने कहा कि अहंकार से चढ़ाए गए चढ़ावे को भगवान कभी स्वीकार नहीं करते बल्कि भाव से चढ़ाए गए फूलों को स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि मुनष्य दुनियावी सुख में फंसकर भगवान को भूल चुका है जिस कारण उसे दुखों का सामना करना पडता है। इसलिए मनुष्य को चाहिए कि वो सुख में भी भगवान की भक्ति करें जिस कारण उस पर कोई दुख आएगा तो भगवान स्वयं उसके दुखों को हरेंगे। इस अवसर पर इस अवसर पर विनोद तायल, देवीदयाल तायल, सुभाष गर्ग, रतन गर्ग, नरेंद्र ¨सगला, रोहित बंसल, पूनम बंसल, प्रदीप ग्रोवर, गोपाल गोयल, दीपक तायल व कांशीराम सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।