बूंदाबांदी से बढ़ी ठंड, शीत लहर का दौर जारी
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : जनवरी माह वैसे तो ठंड का महीना होता है। लेकिन पिछले साल की तुलना करें तो
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : जनवरी माह वैसे तो ठंड का महीना होता है। लेकिन पिछले साल की तुलना करें तो इस बार दिन के तापमान में अधिक गिरावट आई है। यहीं कारण है कि जो तापमान 22 डिग्री के आसपास रहना चाहिए वो अब 15 व 16 डिग्री पर है। पिछले दो दिनों से मौसम में आए बदलाव के कारण कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हुई। दिन के समय में बादल छाने व शीत लहर चलने से सोमवार को अधिकतम तापमान 16.1 डिग्री व न्यूनतम तापमान 4.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ठंड अधिक होने के कारण बाजारों में चहल पहल और दिनों की अपेक्षा कम रही। लोग हर चौक चौराहे पर अलाव सेंकते हुए नजर आये। वही लोग चाय की चुस्की दिनभर लेते रहे। ठंड का सबसे अधिक असर छोटे बच्चों पर पड़ा है। बच्चों के अस्पताल में ओपीडी एकाएक बढ़ गई है। वहीं यह मौसम गेहूं व सरसों की फसल के लिए लाभदायक है।
ठंड से बच्चे आए चपेट में
दिन के समय में ठंड अधिक होने के कारण छोटे बच्चे ठंड की चपेट में आ गये है। नागरिक अस्पताल में एक दिन में जो ओपीडी 70-80 होती थी वो अब 120 के पास पहुंच गई है। ओपीडी बढ़ने का मुख्य कारण चिकित्सक ठंड को मान रहे है। ठंड में खांसी, जुकाम व बुखार की बीमारी की चपेट में अधिक आ रहे है। नागरिक अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. ईला रानी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से ठंड अधिक बढ़ी है। दिन के तापमान में गिरावट अधिक आने के कारण बीमारी का प्रकोप अधिक रहता है। रात के समय में तो बच्चे सो जाते हैं। लेकिन दिन के समय में बाहर निकलने के कारण उन्हें सर्दी लग जाती है। जिससे बच्चे बीमार हो रहे है।
ठंड से बचाने के लिए ये करें उपाय
-छोटे बच्चों को घर से बाहर न निकालें।
-अगर बाहर जाना पड़े तो ऊनी वस्त्र पहनाएं।
-बच्चे के सिर पर टोपी अवश्य होनी चाहिए।
-ठंड की चपेट में आने के बाद बच्चे को चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए।
फसलों के लिए ठंड लाभदायक
रविवार रात को हुई हल्की बूंदाबांदी किसानों के लिए वरदान से कम नहीं हैं। किसानों की माने तो यह ठंड गेहूं व सरसों की फसल के लिए अच्छी है। गांव धांगड़ के किसान रामनिवास, सुरेश, महेश, दीपक ने बताया किया पिछले एक दो दिनों से मौसम में बदलाव आया है। अगर एक अच्छी बरसात हो जाये तो गेहूं की फसल अच्छी होने की उम्मीद है। अगर कुछ समय के लिए बादल भी छाए रहे तो बीमारी भी आ सकती है। किसानों ने बताया कि सरसों की फसल में फूल आने शुरू हो गए हैं। अगर अगले महीने बरसात होती है तो सरसों की फसल के लिए नुकसानदायक भी रह सकती है।
जनवरी के महीने में ठंड तो पड़ती है। लेकिन इस बार दिन के तापमान में गिरावट आई है। कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी भी हुई है। गेहूं व सरसों की फसल के लिए लाभदायक है। अगर अगले पांच छह दिन तक मौसम इसी तरह रहता है तो बीमारी होने की संभावना बढ़ जाएगी। फिलहाल जिले में फसलों में कोई बीमारी नहीं है।
-बलवंत सहारण,
कृषि उपनिदेशक फतेहाबाद।