Move to Jagran APP

ऑटो मार्केट के 16 किरायेदारों ने सरेंडर की दुकानें

मुकेश खुराना, फतेहाबाद नोटबंदी के दौरान डिफॉल्टर दुकानदारों से किराया आने की उम्मीद लगाए बैठे नगर

By Edited By: Published: Sat, 03 Dec 2016 11:35 PM (IST)Updated: Sat, 03 Dec 2016 11:35 PM (IST)
ऑटो मार्केट के 16 किरायेदारों ने सरेंडर की दुकानें

मुकेश खुराना, फतेहाबाद

loksabha election banner

नोटबंदी के दौरान डिफॉल्टर दुकानदारों से किराया आने की उम्मीद लगाए बैठे नगर परिषद को झटका लगा है। प्रॉपर्टी बाजार में आई गिरावट के चलते आटो मार्केट के 16 दुकानदारों ने दुकानें नप को सिलेंडर कर दी हैं। अब नगर परिषद नए सिरे से दुकानों की बोली करवाएगा। किराया न भरने वालों को नगर परिषद जल्द नोटिस जारी करेगा। ऑटो मार्केट पर नगर परिषद का 2 करोड़ से ज्यादा बकाया है। नोटबंदी के बाद उम्मीद थी कि डिफाल्टर दुकानदारों से किराया आना शुरू हो जाएगा। लेकिन 24 दिन बीतने के बाद आटो मार्केट से दो दुकानों से साढ़े चार लाख रुपये ही किराया आया है। अधिकारियों के अनुसार किराया वसूलने के लिए दुकानदारों को नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद भी अगर किराया नहीं आता है तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

-------

सिक्योरिटी राशि छोड़ सरेंडर की दुकानें

नगरपरिषद की ओर से बोली के समय सफल बोलीदाता से दो लाख रुपये से चार लाख रुपये तक सिक्योरिटी राशि जमा करवाई। दुकानों का किराया 2 हजार रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक है। जो कि हर महीने जमा करवाना होता है। किराया न भरने में असफल 16 दुकानदारों ने नोटिस जारी होने से पहले दुकानें सरेंडर कर दी है। दुकानें सरेंडर होने के बाद दुकानदारों की सिक्योरिटी राशि नगरपरिषद ने जब्त कर ली है।

------

किराया के अलावा लगता है सर्विस टैक्स

दुकानदार के लिए किराया भर पाना इसलिए भी मुश्किल है क्योंकि मासिक किराया के साथ नगरपरिषद 15 प्रतिशत सर्विस टैक्स भी वसूलता है। कुल किराये पर 15 प्रतिशत सर्विस टैक्स लगाया जाता है। इसके अलावा 1 से 7 तारीख के बीच किराया न भरने पर 12 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाता है। हर 5 साल बाद किराया में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी की जाता है।

--------

ये है नप की दुकानों की स्थिति

करीब 410 दुकानें हैं जिनमें से 75 दुकानें नगरपरिषद के पास हैं। 19 दुकानों पर कोर्ट केस चल रहा है। शेष दुकानें मिस्त्रियों व स्पेयर पार्टस संचालकों को अलाट हो रखी हैं।

--------

प्रीमियम के चक्कर में बढ़ा किराया

आटो मार्केट का विस्तार वर्ष 2009 के बाद बढ़ा। जिसके बाद नगरपरिषद ने अपने प्लाट पर दुकानों का निर्माण करवाया। दुकानों की बोली करवाई गई। इस दौरान प्रॉपर्टी में तेजी होने के कारण मासिक दो हजार रुपये दुकान के किराए की बोली 10 हजार से ऊपर छूटी। दुकानों की बोली देने वाले अधिकतर प्रोपटी बाजार से जुड़े लोग थे। लेकिन प्रोपटी बाजार में आई गिरावट के बाद बोली देने वालों को प्रीमियम नहीं मिल सका।

----------

दुकानदारों के पास जाकर की जा रही अपील : प्रधान

आटो मार्केट का सबसे ज्यादा किराया बकाया पड़ा है। नगरपरिषद की टीम दुकानदारों के पास जाकर अपील कर रही है जल्द से जल्द किराया भरे। नियम के मुताबिक बाद में नोटिस जारी किए जाएंगे। जो दुकानदार सरेंडर कर रहा है उस दुकान की दोबारा बोली करवाई जाएगी।

-दर्शन नागपाल

प्रधान, नगरपरिषद फतेहाबाद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.