शहर के विकास की व्यवस्था से मुंह फेर रहे ठेकेदार
राजेश भादू, फतेहबाद हद है नगर की सरकार की व्यवस्था। आलम तो यह कि विकास की व्यवस्था से आधारभूत ढां
राजेश भादू, फतेहबाद
हद है नगर की सरकार की व्यवस्था। आलम तो यह कि विकास की व्यवस्था से आधारभूत ढांचागत निर्माण आदि में सहायक ठेकेदार भी मुंह फेर रहे हैं। टेंडर न होने के कारण शहर के विकास कार्य रुके हुए हैं। नगर परिषद टेंडर जारी करते समय इतनी अधिक शर्तें लगा देती है, कोई भी फर्म टेंडर लेने नहीं आती। नगर परिषद के अधिकारी टेंडर जारी करते समय नगर निगम की तहत बड़ी फर्म की मांग करते हैं। लेकिन छोटे शहर में कमतर राशियों के टेंडर लेने के लिए बड़ी फर्म नहीं आ रही। इस कारण नगर परिषद के पिछले दो तीन महीनों में पांच से अधिक टेंडर जारी किए। इन टेंडर को लेने के लिए एक भी फर्म ने आवेदन तक नहीं किया। यहां तक कि शहर की गलियां निर्माण कार्य भी टेंडर न होने की वजह से रुका हुआ है।
नगर परिषद के अधिकारी व जनता के नुमाइंदों के बीच मन मुटाव के चलते जनता के काम प्रभावित हो रहे है। लेकिन टेंडर जारी करने के लिए दोनों ही प्रयास नहीं कर रहे। नगर परिषद के चेयरमैन व सचिव के बीच मन मुटाव चल रहा है। दोनों सहयोग से काम न करके अपनी इच्छानुसार काम करने की कोशिश कर रहे है। इस कारण शहर का विकास ठप पड़ा हुआ है।
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गली से लेकर चिल्ली झील तक काम अटके
नगर परिषद के टेंडर न होने के कारण करोड़ों रुपयों का विकास कार्य अटके हुए हैं। चिल्ली झील का विकसित करने के लिए नगर परिषद के पास बजट आया हुआ है। फिर भी चिल्ली झील से गाद निकालने का टेंडर जारी नहीं हो रहा है। नगर परिषद ने चिल्ली झील से गाद निकालने के लिए गत अगस्त को 8 लाख 30 हजार रुपये के लिए टेंडर मांगे। लेकिन 5 सितंबर तक एक भी टेंडर नहीं आया। इस तरह शहर की विभिन्न गलियों के निर्माण के लिए 42 लाख रुपये के टेंडर मांगे। उसके लिए भी किसी फर्म ने आवेदन नहीं किया। इसी तरह पार्कों के रख रखाव के लिए टेंडर जारी नहीं हो रहा। वहीं पार्किंग का ठेका देने के लिए जो शर्तें लागू की जा रही है। उसे देखते हुए लग रहा है पार्किंग का ठेका भी नहीं हो पाएगा।
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छोटे से कार्य के लिए बड़ी फर्म की मांग :
नगर परिषद को कुछ हजार रुपये के लिए टेंडर जारी करते हुए भी लाखों की टर्न ओवर वाली फर्म होने की शर्त लगा देती है। टर्न ओवर के साथ कई प्रकार की अन्य शर्त लगा रही है। आनलाइन जारी किए गए टेंडर में चिल्ली झील से गाद निकालने के लिए 1 करोड़ टर्न ओवर वाली फर्म होने की शर्त निर्धारित की थी।
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पार्षदों की बैठक में उठा मुद्दा :
शहर में रूके हुए विकास कार्यों को लेकर नगर पार्षदों की अनौपचारिक बैठक हुई। चेयरमैन के बंद कमरे में हुई बैठक में सभी पार्षदों ने टेंडर जारी न होने का आरोप लगाए। एक महिला पार्षद ने कहा कि अधिकारी ने कहा कि छोटे छोटे टेंडर जारी नहीं किए जा रहे है। नगर परिषद के अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं कर रहे। नगर परिषद के पास बजट होने के बाद भी शहर में विकास कार्य नहीं हो रहे। काम न होने के कारण लोग उन पर ताना मारने लग गए है। दूसरी बार बनी महिला पार्षद ने कहा कि पहले टेंडर जारी होते थे तो इस बार क्यों नहीं हो रहे। उन्होंने कि यदि अधिकारी काम नहीं कर रहे तो प्रधान प्रस्ताव पास कर सरकार के भेजे।
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हमने ऐसे कोई शर्त नहीं लगाई हुई। जिससे टेंडर होने में बाधा उत्पन्न हो। अब टेंडर आनलाइन होते है। लेकिन चिल्ली झील व गलियों का निर्माण को लेकर किसी फर्म ने भी आवेदन नहीं किया। इसमें नगर परिषद का कोई कमी नहीं है। जो टेंडर नहीं हुए उन्हें दोबारा जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। शहर के विकास में किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।
- हरिकिशन शर्मा, एमई, नगर परिषद।