मंदिर पंचमुखी शिव मंदिर
प्राचीन पंचमुखी शिव मंदिर टोहाना शहर का सबसे प्राचीनतम एवं ऐतिहासिक मंदिर हैं। जानकारों द्वारा बताया
प्राचीन पंचमुखी शिव मंदिर टोहाना शहर का सबसे प्राचीनतम एवं ऐतिहासिक मंदिर हैं। जानकारों द्वारा बताया गया है कि इस मंदिर में स्थापित पंचमुखी शिव¨लग की महाभारत काल में स्थापना की गई थी। बताया जाता है कि दो सदी पूर्व जब निकटवर्ती गांव मांडवी के परिवार टोहाना में आए तब वहां जोहड़ के समीप खाली पड़ी जगह पर नींव की खुदाई की गई तो जमीन में से पंचमुखी शिव¨लग मिला, जिसे विधि विधानपूर्वक पुन: स्थापित किया गया था। इस मंदिर की आज टोहाना ही शहर में नहीं दूरदराज के क्षेत्रों में पूरी मान्यता हैं।
::मान्यता
जोहड़ वाला मंदिर के नाम से जाना जाता है।
प्राचीन पंचमुखी शिव मंदिर जोहड़ वाला मंदिर के नाम से भी जाना जाता हें। इस मंदिर के पास बहुत बड़ा जोहड़ हुआ करता था। जिसका आज नामों निशान तक नहीं है लेकिन फिर भी श्रद्धालु इसे जोहड़ वाला मंदिर के नाम से पुकारते हैं। शिवरात्रि पर्व पर चढ़ती है कांवड़े शिवरात्रि का पर्व इस मंदिर में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता हें। सैकड़ों की संख्या में कांवड़िये व महिला-पुरूष श्रद्धालु यहां गोमुख व हरिद्वार आदि से पैदल, डाक कांवड़ व खड़ी कांवड़ लाकर यहां चढ़ाते हैं। मंदिर के कार्याे के लिए प्रधान राजेश गोयल के नेतृत्व में कमेटथ्ील सदस्यों द्वारा महाशिरात्रि की तैयारियां की जा रही हैं। शिवरात्रि पर विशाल शिव जागरण का आयोजन किया जाएगा।
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मंदिर के पुजारी शिव कुमार शास्त्री का कहना है कि मंदिर में सावन के महीने में श्रद्धालुओं का सुबह-शाम तांता लगा रहता हैं। उन्होंने बताया कि सच्ची श्रद्धा भक्ति से मंदिर में आराधना करने वालों की भगवान शिव अवश्य ही मनोकामना पूर्ण करते हैं। यहां श्रद्धालु नंगे पांव मंदिर में आकर भोले बाबा की पूजा अर्चना कर प्रतिदिन जलाभिषेक करते हैं। प्राचीन पंचमुखी शिव मंदिर, टोहाना बस स्टैंड से आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जबकि टोहाना रेलवे स्टेशन से इसकी दूरी लगभग साढे तीन किलोमीटर तथा जमालपुर शेखां रेलवे स्टेशन से लगभग छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।