Move to Jagran APP

निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल दो दिन

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : बिजली निगम में निजीकरण के खिलाफ विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की दो दिन

By Edited By: Published: Fri, 24 Jun 2016 11:12 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2016 11:12 PM (IST)
निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल दो दिन

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : बिजली निगम में निजीकरण के खिलाफ विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की दो दिन की हड़ताल करेंगे। उमस भरी गर्मी के साथ धान के सीजन में बिजली कर्मचारियों की होने वाली हड़ताल में आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। दो दिन चलने वाली इस हड़ताल में आमजन को परेशानी तो होगी। लेकिन कर्मचारी यूनियन के नेता इस हड़ताल को आमजन के हित में बता रहे है। उनका दावा है कि निजीकरण होने से सबसे ज्यादा नुकसान बिजली कर्मचारी को नहीं आम लोगों को होगा।

loksabha election banner

प्रदेश सरकार द्वारा सबसे अधिक राजस्व अर्जित करने वाली 23 सब डिवीजनों का निजीकरण करने के विरोध में बिजली कर्मचारियों 29 व 30 जून को प्रदेशव्यापी हड़ताल कर रहे है। इस हड़ताल में रोडवेज, नगर पालिका, पब्लिक हेल्थ, शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने भी बिजली निगम के कर्मचारियों को समर्थन दे दिया है। अगर सभी कर्मचारी इसमें भाग लेते है तो सरकार के लिए परेशानी पैदा हो सकती है।

बिजली निगम के कर्मचारियों का आरोप है कि वे सरकार से निगम में हुए घाटे की विजीलैंस जांच की मांग कर रहे है। लेकिन प्रदेश सरकार ने 273 सब डिवीजनों में से 23 उन सब डिवीजनों के निजीकरण करने का निर्णय लिया है। जिनसे निगम को 33 प्रतिशत से अधिक राजस्व मिलता है। जहां 273 सबडिवीजन से प्रति महा 2400 करोड़ राजस्व मिलता है। वहीं निजीकरण करने वाली 23 से 700 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है। इससे बिजली निगम घाटे में जाएगी। सब डिवीजन का ठेका लेने वाले कर्मचारी उपभोक्ताओं के साथ मारपीट करेंगे। युवाओं को रोजगार भी नहीं मिलेगा।

-------------

हो सकता है ब्लैक आउट :

बिजली निगम की दो दिन की हड़ताल से प्रदेश में ब्लैक आउट जैसे हालत बन सकते है। धान से सीजन में पहले से ही बिजली का संकट चल रहा है। दिनभर बिजली के कट लगते है। ब्रेक डाउन अलग से होता है। हड़ताल में बिजली निगम सभी कर्मचारी शामिल होगे। ऐसे हालात में प्रदेश में ब्लैक आउट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। सरकार ने भी अपने कड़े रवैया प्रकट किया है। यानी सरकार कर्मचारियों की मांगे मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में उन दो दिन बारिश होती है तो आमजन को राहत मिलेगी। अन्यथा हालत बिगड़ सकते है।

-----------------------

हर गांव में गए बिजली कर्मचारी :

बिजली कर्मचारी पिछले एक महीने से अपने अभियान को सफल बनाने के लिए अभियान चला रहे है। अभियान के दौरान लोगों को निजीकरण के खिलाफ जागरूक करने के साथ एकजुट कर किया। अगर सरकार ने बिजली निगम का निजीकरण कर दिया तो कर्मचारियों के साथ साथ उपभोक्ताओं को भी परेशानी झेलनी पड़ेगी। ठेकेदार हर उपभोक्ता को परेशान करेगा। मनचाहा बिजली बिल वसूल करेगा। इसलिए इसका विरोध कर्मचारी सही कर रहे है। वहीं अनेक पंचायतों ने भी समर्थन दिया है।

-----------------

सरकार पर दबाव बनाने के लिए 27 को जलूस :

हड़ताल से पहले कर्मचारी सरकार पर दबाव बनाने के लिए 27 को प्रदेश के प्रदेश जिले में प्रदर्शन करेंगे। इसमें कर्मचारियों के साथ आमजन भी शामिल होने की संभावना है। यह जलूस कर्मचारी की हड़ताल के पूर्व शक्ति प्रदर्शन को लेकर देखा जा रहा है।

-----------------

निजीकरण के विरोध में की जा रही हड़ताल से आमजन को किसी प्रकार की दुविधा नहीं होगी। उनकी हड़ताल में तो आमजन शामिल होगा। लोग सरकार के निजीकरण के फैसले का विरोध कर रहा है। 27 जून को निजीकरण के विरोध में निकलने वाले जलूस में यह बात शामिल हो जाएगा। कर्मचारियों से कई गुणा ज्यादा आम लोग हड़ताल में शामिल होगे।

- प्रदीप यादव, यूनिट प्रधान, आल हरियाणा पावर कारपरेशन।

--------------------------

उनकी हड़ताल न तो वेतन को लेकर है न अपनी अन्य किसी व्यक्तिगत समस्या को लेकर। हड़ताल के निर्णय करने से पहले वो जनता की अदालत में गए। वहां पर सरकार की गलत तरीके से निजीकरण करने के बारे में बताया गया था। इससे आमजन को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। उपभोक्ताओं को बिजली बिल अधिक आएगा, बिजली कम मिलेगी। दरियापुर फीडर पर लोग निजीकरण का हश्र देख चुके है। किसी तरह सरकार की सह पर ठेकेदार लोगों को परेशान कर रहा था।

- अजय वशिष्ट, सचिव, हरियाणा ज्वाईट एक्शन कमेटी

------------------

बिजली निगम में निजीकरण के खिलाफ सभी विभाग के कर्मचारी शामिल हो रहे है। उनमें से रोडवेज विभाग की विभिन्न यूनियन भी शामिल होगी। सरकार द्वारा निजीकरण करना गलत है। वो भी 23 उन सब डिवीजनो का। जिनका राजस्व अकेले 33 प्रतिशत से अधिक है। कर्मचारी यूनियन निजीकरण का विरोध ही नहीं कर रही, लोकतंत्र को बचाने का प्रयास कर रही है।

- सूरजभान चोपड़ा, प्रधान, रोडवेज विभाग, संबंधित सर्व कर्मचारी संघ।

--------------

हड़ताल से आमजन को किसी प्रकार का की दुविधा नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए बिजली निगम ने कई प्रकार की तैयारियां की है।

- जोगिन्द्र ¨सह, कार्यकारी अभियंता, बिजली निगम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.