विद्यालयों को बदनाम करना चाहती है सरकार : भारती
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद प्रदेश सरकार भले ही सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था सुधारने और बच्चो
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद
प्रदेश सरकार भले ही सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था सुधारने और बच्चों के चहुंमुखी विकास के दावे करे लेकिन सरकारी स्कूलों में स्थिति बिलकुल इसके उलट है। स्कूलों में 25 मई से परीक्षाएं शुरू हो रही हैं लेकिन अभी तक स्कूलों में किताबें तक नहीं पहुंच पाई है। यह आरोप हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबद्ध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य महासचिव सीएन भारती ने बैठक में लगाये। इस अवसर पर उपमहासचिव राजेन्द्र बाटू, उपप्रधान धर्मेन्द्र ढांडा, राज्य कमेटी सदस्य राजपाल मिताथल, जिला प्रधान रघुनाथ मेहता व जिला सचिव कृष्ण नैन भी उपस्थित थे। सीएन भारती ने कहा कि प्रदेश के विद्यालयों में अभी तक किताबें नहीं पहुंच पाई हैं और हरियाणा सरकार ने मासिक परीक्षाओं की घोषणा कर दी है। परीक्षाएं 25 मई से शुरू हो रही हैं ऐसे में अध्यापक कैसे बच्चों की तैयारी करवाएंगे। उन्होंने बताया कि बच्चों को अगली कक्षा में प्रवेश लेते ही किताबें मिल जानी चाहिए थी लेकिन सरकार व शिक्षा विभाग के आला अधिकारी सरकारी विद्यालयों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकारी विद्यालयों को बदनाम करके शिक्षा को
प्राईवेट हाथों में देना चाहती है।
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अध्यापक संघ ने ये रखीं मुख्य मांगें
- समय पर किताबें, ट्रांसफर पॉलिसी अध्यापक की इच्छा अनुसार हो।
- खाली पदों को भरना।
-9870 जेबीटी अध्यापकों को कार्यग्रहण करवाना।
- प्राइमरी सहित हर विद्यालय में क्लर्क, चपड़ासी, चौकीदार, कंप्यूटर टीचर, लैब सहायक की पदोन्नति करना।
- एसीपी का लाभ समय पर देना।
- सन 2000 में लगे जेबीटी अध्यापकों को पदोन्नति सहित सभी लाभ दिए जाये।
- अध्यापकों से बीएलओ ड्यूटी व अन्य गैर शैक्षिक कार्य न लिए जाये।