पंचायती राज को मिलेगी कौशल विकास की छत
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद प्रस्तावों को सिरे चढ़ाने में बाबुओं की तत्परता दिखाई दी तो पंचायती राज
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद
प्रस्तावों को सिरे चढ़ाने में बाबुओं की तत्परता दिखाई दी तो पंचायती राज के प्रतिनिधियों,अधिकारी अथवा कर्मचारियों को कौशल विकास के लिए नीलोखेड़ी की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। कारण कि अब उन्हें फतेहाबाद जिला मुख्यालय में ही प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जा रही है। अहम यह कि केंद्र व राज्य सरकार की बहुआयामी अवधारणा की देन जिला पंचायत संसाधन केंद्र में प्रशिक्षण का लाभ मंडल के सभी पांच जिलों की पंचायती राज संस्थाएं उठा पाएंगी।
हालांकि अभी यह जिला पंचायती संसाधन केंद्र (डीपीआरसी) निर्माण के प्रथम पायदान पर ही है। प्रशासनिक स्तर पर भेजे गए प्रस्ताव को विभागीय मंजूरी मिल गई है। जगह चिह्नित कर ली गई है। लघु सचिवालय परिसर में एक एकड़ जमीन में केंद्र का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही लागत का आकलन भी कर लिया गया है। पंचायती राज के कार्यकारी अभियंता नरेंद्र कुमार दलाल के मुताबिक इस संसाधन केंद्र की अनुमानित लागत करीब 3 करोड़, 27 लाख रुपये हैं। वह बताते हैं कि इस संसाधन केंद्र के स्वरूप की डिजाइ¨नग के लिए चीफ इंजीनियर को भेजा गया है। एकबार एनआईटी कुरुक्षेत्र से डिजाइन फाइनल हो जाए तो टेंडर प्रक्रिया को भी मूर्त रूप दे दिया जाएगा। बता दें कि उपायुक्त एनके सोलंकी ने इस प्रोजेक्ट में खासी दिलचस्पी दिखाई है। कारण कि शहर में पंचायती भवन ही एकमात्र जगह है जहां प्रशासनिक स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को अंजाम दिया जा सके। इस पंचायत भवन की क्षमता सीमित ही है।
--500 से अधिक लोगों की सीटिंग
क्षमता होगी
बताया गया है कि प्रस्तावित जिला पंचायती संसाधन केंद्र के ग्राउंड फ्लोर पर बड़ा-सा हॉल होगा जिसमें 500 लोगों के बैठने की क्षमता होगी। एक डाइ¨नग हॉल के साथ किचन का भी प्रावधान है। इसके प्रथम तल पर 18 कमरों का प्रस्ताव रखा गया है। इन कमरों में दूर-दराज से आए पंचायती राज प्रतिनिधियों, अधिकारियों व कर्मचारियों के ठहरने की भी व्यवस्था रहेगी।
--पंचायती राज व्यवस्था को मिलेगी मजबूती : उपायुक्त
जिला पंचायती संसाधन केंद्र के संदर्भ में उपायुक्त एनके सोलंकी का कहना है कि यह एक बहुउद्देश्यीय प्रोजेक्ट है। इस केंद्र से खासकर पंचायती राज व्यवस्था को ताकत मिलेगी। कारण कि यहां से प्रशिक्षित पंचायती राज के जनप्रतिनिधि विकास कार्यों से संबंधित योजनाओं को मंजिल तक पहुंचाने में समर्थ हो सकेंगे। साथ ही, शहर में बड़े आडिटोरियम की कमी भी पूरी हो जाएगी।
--डीपीआरसी के मुख्य मकसद
- पंचायती राज संस्थाओं के जरिये लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था को मजबूती,
- समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए पंचायती राज का सशक्तीकरण,
- जवाबदेही के प्रति संवेदनशील बनाना,
- गांवों के विकास की योजनाओं का सारगर्भित ज्ञान देकर जागरूकता लाना,
- पंचायत के अधिकारी व कर्मचारियों को भी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षित करना,
- सेमिनार व व्याख्यान के माध्यम से श्रेष्ठतम कौशल विकास, आदि।