महिलाओं के लिए अब सुरक्षित होगी आरक्षित सीट
राजेश भादू, फतेहाबाद रोडवेज बसों में महिलाओं को अब खड़ा नहीं रहना पड़ेगा। महिलाओं के लिए आरक्षित सी
राजेश भादू, फतेहाबाद
रोडवेज बसों में महिलाओं को अब खड़ा नहीं रहना पड़ेगा। महिलाओं के लिए आरक्षित सीट अब सुरक्षित होगी। यदि आरक्षित सीट पर कोई पुरुष बैठा है तो उसे महिला यात्री के लिए खाली करनी होगी। सीट खाली करवाने की जिम्मेदारी परिचालक की होगी। इसके संदर्भ में रोडवेज निदेशालय ने सभी महाप्रबंधकों को पत्र भेजा है।
रोडवेज की बसों में विभिन्न वर्गो के लिए सीटें आरक्षित होती है। सबसे ज्यादा महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित होती है। महिलाओं के लिए बस में 13 सीटें आरक्षित होती हैं। लेकिन इन आरक्षित सीटों पर पुरुष बैठ जाते हैं। इसलिए महिलाओं की बस में सीट आरक्षित होने के बाद भी वे सीट पर नहीं बैठ पाती। बसों में यात्रियों की भीड़ में महिलाओं को काफी असुविधा होती है और सफर असुरक्षित हो जाता है। अधिक भीड़ के कारण उनकी यात्रा तकलीफ भरी हो जाती है। यदि गोद में बच्चा या महिला गर्भवती हो तो और ज्यादा दिक्कत होती है। बसों में महिला आरक्षित सीट का नाम अंकित होने के बाद भी उन्हें सीट नहीं मिल पाती। इसके लिए अब रोडवेज विभाग ने आरक्षित सीट पर महिला ही बैठे, इसके लिए परिचालकों की जिम्मेदारी तय कर दी है।
52 में से 22 सीटें आरक्षित
रोडवेज बसों में 52 सीट में से 22 सीटें आरक्षित हैं। सीट नंबर एक, दो व तीन विधायक व कैंसर पीड़ित के लिए आरक्षित होती है। सीट नंबर चार से छह स्वंतत्रता सैनानी, विकलांग यानी अशक्त व वृद्ध के लिए आरक्षित होती है। सीट नंबर सात से नौ महिलाओं के लिए आरक्षित है। वहीं सीट नंबर 10 व 11 म्रूकबधिर के लिए आरक्षित है। सीट नंबर 12 से 21 फिर से महिला के लिए आरक्षित है। वहीं अंतिम 52 नंबर सीट परिचालक के लिए आरक्षित है।
रोडवेज की बसों में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की संख्या बढ़ सकती है। फिलहाल बस में महिलाओं को 25 प्रतिशत सीट आरक्षित की गई है। यह बढ़ा कर 33 प्रतिशत करने के लिए प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद बस में महिलाओं की आरक्षित सीटों की संख्या बढ़ कर 16 हो जाएगी।
चे¨कग टीम की तय हो जिम्मेदारी
रोडवेज वर्कर्स यूनियन के जिला प्रधान सूरजभान चोपड़ा का कहना है कि परिचालकों की बजाय विभाग यह जिम्मेदारी टिकट चे¨कग स्टाफ को दे। उन्होंने कहा कि टिकट चे¨कग स्टाफ बस की चे¨कग के दौरान यदि महिला खड़ी है और कोई पुरुष आरक्षित सीट पर बैठा है तो जुर्माना लगा कर उसे सीट दिलवा सकता है। ऐसे में ही महिलाओं को आरक्षित सीट मिल सकती है। वरना परिचालकों से तो लोग झगड़ा ही करेंगे।
परिचालकों को हिदायत दे दी है : जीएम
रोडवेज विभाग के महाप्रबंधक लेखराज का कहना है कि विभाग के आदेशानुसार सभी परिचालकों को महिला को आरक्षित सीट पर बैठाने की हिदायत दे दी है। यदि परिचालक अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाता तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।