हाइवे जाम कर गो भक्तों ने किया हंगामा
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : हिंदपुत्र गोरक्षा दल के कार्यकर्ताओं ने शनिवार सुबह सिरसा रोड पर बैलों से भरा ट्रक पकड़ा। ट्रक में चार लोग सवार थे। चालक को गोभक्तों ने पकड़ लिया, जबकि अन्य तीन लोग फरार हो गए। इसके बाद गोरक्षा दल के कार्यकर्ताओं ने हंगामा खड़ा कर दिया। आरोप था कि पुलिस की निष्क्रियता के कारण गो तस्करी हो रही है। इसी बात पर भड़के लोग पशुओं से भरा ट्राला लेकर लालबत्ती चौक में पहुंच गए। यहां पर खूब हंगामा किया। मौके पर पहुंचे डीएसपी विजय जाखड़ व एसएचओ गौरव शर्मा ने कार्रवाई का आश्वासन देकर भीड़ को शांत किया। ट्रक में 25 बैल थे। उन्हें नंदीशाला में छोड़ दिया गया। ट्रक कब्जे में लेकर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी। चालक को भी गिरफ्तार कर लिया।
सुबह करीब सात बजे पशुओं से भरा ट्राला सिरसा से फतेहाबाद की तरफ आ रहा था। इसकी सूचना किसी ने हिंदपुत्र गौ रक्षा दल के कार्यकर्ताओं को दी। इस संगठन के कार्यकर्ता सिरसा रोड पर पाली होटल के पास पहुंच गए और ट्राला रोक लिया। भीड़ देखकर ट्राले में सवार तीन लोग भाग गए। चालक को मौके पर पकड़ लिया गया। इसके बाद कार्यकर्ता मामले की सूचना पुलिस को देने की बजाय ट्राला लेकर लालबत्ती चौक में पहुंच गए। चालक को बंधक बना लिया था। लालबत्ती चौक में ट्राला खड़ा कर नेशनल हाइवे पर खड़ा कर दिया। ट्राले के शीशे आदि तोड़ डाले। सिटी थाना प्रभारी गौरव शर्मा पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवाने की कोशिश की, लेकिन लोग नहीं माने। इसके बाद डीएसपी विजय जाखड़ मौके पर पहुंचे। उनके समक्ष गो रक्षकों ने कहा कि पुलिस कार्रवाई में ढिलाई बरतती है। कहा कि पुलिस कार्रवाई में औपचारिकता बरतती है। ऐसे में तस्कर छूट जाते हैं और अगले ही दिन वाहन व पशुओं को छोड़ दिया जाता हैं। डीएसपी विजय जाखड़ ने कहा कि उनके सामने पशुओं को नंदीशाला में छोड़ा जाएगा। इसके बाद मामला दर्ज कर लिया जाएगा। इसके बाद जाकर मामला शांत हुआ। इतना ही नहीं, नंदीशाला तक सभी प्रदर्शनकारी ट्राले के साथ गए थे।
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आपे से बाहर हुए प्रदर्शनकारी
पशु तस्करों के खिलाफ भीड़ का यह प्रदर्शन उग्र तरीके का था। प्रदर्शनकारियों ने खूब हुड़दंग मचाया। ट्राले के शीशे तक तोड़ डाले। ट्राले के ऊपर चढ़कर नारेबाजी की। यहां तक कि वहां पहुंचे लोगों के साथ बदतमीजी की गई। करीब एक घंटे तक हाइवे जाम रखा। इससे आमजन को परेशानी झेलनी पड़ी। हाइवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। यहां तक कि पुलिस अधिकारियों से भी दुर्व्यवहार किया।
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क्या है पुलिस का तर्क
पुलिस का कहना है कि मामला संज्ञान में आने के बाद पशु क्रूरता का मामला दर्ज कर लिया जाता है। उसके बाद तस्करों को कोर्ट में पेश कर दिया जाता है। कोर्ट कानून के लिहाज से निर्णय सुनाती है। उसमें पुलिस की भूमिका का सवाल ही पैदा नहीं होता। पुलिस के सामने सबसे बड़ी दुविधा है कि मुक्त कराए गए पशुओं को रखा कहां जाए। नंदीशाला में व्यवस्था नहीं होती। गोशाला वाले बैलों को रखते नहीं हैं।
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कार्रवाई चल रही है : एसएचओ
थाना प्रभारी गौरव शर्मा ने बताया कि पुलिस ने ट्राला कब्जे में लेकर चालक को हिरासत में ले लिया है। उससे पूछताछ चल रही है। वह खुद को यूपी का बता रहा है। उसके तीन साथी फरार हो गए। उनके बारे में पूछताछ कर रहे हैं। शीघ्र ही मामला दर्ज कर लिया जाएगा।