बरसात के बाद बढ़ा मलेरिया का खतरा
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : मानसून की बरसात इस बार औसतन काफी कम हुई है। लोग जुलाई व अगस्त माह में बरसात को तरसते रहे, लेकिन सितंबर माह के शुरू होते ही क्षेत्र में हल्की व तेज बरसात कई जगहों पर हुई है। शहर में भी बरसात अच्छी हुई है, जिससे जलभराव हो गया है। इस बरसात से हालांकि मौसम खुशनुमा व सुहावना जरूर बना है, लेकिन इसमें मलेरिया बुखार के फैलने का खतरा ज्यादा बढ़ गया है। मलेरिया बुखार के मच्छर गंदे पानी में ज्यादा फैलते हैं और इन दिनों सड़कों, गलियों व घरों की छतों पर पड़े कबाड़ के सामान में पानी भर गया है। अब इनमें मच्छर पनपने शुरू हो गए हैं।
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रोग के लक्षण
तेज बुखार, कंपकंपी, जोड़ों में दर्द, उल्टी, मूत्र में हीमोग्लोबिन और दौरे मलेरिया का सबसे आम लक्षण है। अचानक तेज कंपकंपी के साथ ठंड लगना, जिसके तुरंत बाद बुखार आता है। चार से छह घटे के बाद बुखार उतरता है और पसीना आता है। इसके बाद मलेरिया बुखार में हर दो दिन में बुखार आता है। इसके अलावा मलेरिया के गंभीर मामले संक्रमण के छह से 14 दिन बाद होता है। तिल्ली और यकृत का आकार बढ़ना, तीव्र सिरदर्द और रक्त में ग्लूकोज की कमी गंभीर लक्षण हैं।
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मलेरिया में जा सकती है जान
गंभीर मलेरिया से बेहोशी व मृत्यु भी हो सकती है। किशोर तथा गर्भवती महिलाओं मे ऐसा होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है। अत्यंत गंभीर मामलों में मृत्यु कुछ घटों तक में हो सकती है। मलेरिया युवा बच्चों के विकासशील मस्तिष्क को गंभीर क्षति पहुंचा सकता है। बच्चों में दिमागी मलेरिया होने की संभावना अधिक रहती है, और ऐसा होने पर दिमाग में रक्त की आपूर्ति कम हो सकती है। गर्भवती महिलाओं को मच्छर ज्यादा काटते हैं। मलेरिया से गर्भ की मृत्यु, निम्न जन्म भार और शिशु की मृत्यु तक हो सकते हैं।
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मलेरिया की रोकथाम
मलेरिया रोग की रोकथाम के लिए जरूरी है कि अपने आसपास मच्छर ना फैलने थे। मच्छरों के प्रजनन पर रोक लगाने के लिए आसपास पानी का गड्ढा या घर की छत पर कबाड़ के सामान में पानी जमा ना होने दें। इसके अलावा खुले पड़े पानी व घर में कीटनाशक दवा का छिड़काव करें। इसके अलावा रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। इसके अलावा मलेरिया रोग होने पर उसका उपचार तुरंत करवाना जरूरी होती है। यदि कुछ दिन देरी कर दी जाए तो इससे यह रोग अत्यंत बढ़ जाता है, जो कि काफी नुकसानदायक हो सकता है।
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स्वास्थ्य विभाग की टीम करती है जागरूक : डिप्टी सीएमओ
डिप्टी सीएमओ डॉ. एचएल गुप्ता ने बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाकर मच्छरों के बढ़ने वाले प्रकोप को रोकने के तरीकों व सुझावों को बताया जाता है। इस बार भी गांव-गांव में मलेरिया रोग फैलने के कारण व बचाव के बारे में जागरूक करने के लिए एएनएम व आशा वर्कर लगी हुई हैं। स्कूलों में भी बच्चों को मलेरिया रोग के प्रति जागरूक व सजग रहने के बारे में बताया जाता है।