फतेहाबाद में जल्द मिलेंगे हेपेटाइटिस के इंजेक्शन
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : क्षेत्र में हेपेटाइटिस बी व सी के मरीज काफी बढ़े हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे करवाया था, जिसमें हेपेटाइटिस बी व सी के मामले हजारों में है और रोगी निजी व सरकारी अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे हैं। उपचार लंबा होने के कारण लोग रोग का उपचार पूर्ण नहीं करवा पाते हैं। सेहत में कुछ सुधार होने पर मरीज बीच में ही उपचार बंद कर देते हैं, जो कि सही नहीं होता है। चिकित्सकों के मुताबिक रोग काफी गंभीर है, इसका पूर्ण उपचार करवाना आवश्यक होता है।
हेपेटाइटिस बी व सी के इंजेक्शन फतेहाबाद में उपलब्ध करवाने के बारे में सिविल सर्जन डॉ. एसबी कंबोज का कहना है कि इंजेक्शन उपलब्ध करवाने का जिम्मा मेडिकल कंपनी को दिया हुआ है। कंपनी अभी तक इंजेक्शन उपलब्ध नहीं करवा पाई है। उच्चाधिकारियों को समय-समय अवगत करवाया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही फतेहाबाद के सामान्य अस्पताल में ये इंजेक्शन उपलब्ध होने शुरू हो जाएंगे।
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बॉक्स :: ये हैं हेपेटाइटिस बी व सी के लक्षण
- पेट दर्द, त्वचा का रंग पीला व आंखें सफेद दिखाई देना, जोड़ों का दर्द, दस्त लगना, काली पेशाब आना, कमजोरी व थकावट होना, हल्का बुखार, उल्टी लगना, सिर में दर्द रहना व त्वचा पर खुजली होना।
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बॉक्स :: उपचार में लगते हैं 24 या 48 इंजेक्शन
हेपेटाइटिस बी व सी के रोग को पूर्णत नियंत्रित करने में छह से 12 माह लग जाते हैं। यदि यह रोग शुरूआती दौर में हो तो इसके लिए 24 इंजेक्शन लगवाने होते हैं। इंजेक्शन हर सात दिन बाद लगवाया जाता है। वहीं यदि यह रोग काफी बढ़ जाता है तो उपचार के लिए इंजेक्शन 48 लगवाने पड़ते हैं। इसके साथ ही चिकित्सक के निर्देशन पर दवाइयां भी परहेज से लेनी होती है।
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बॉक्स :: उपचार में आता है लाखों खर्च
हेपेटाइटिस बी व सी के उपचार के लिए करीब डेढ़ लाख से तीन लाख रुपये तक का खर्च आता है। एक इंजेक्शन छह हजार रुपये में मार्किट में मिलता है। यदि यही उपचार सरकारी अस्पताल में करवाया जाता है तो इंजेक्शन 4262 रुपये में उपलब्ध होता है। इससे उपचार के खर्चे में कुछ कमी जरूरी आई है लेकिन ये इंजेक्शन फिलहाल रोहतक पीजीआई में ही उपलब्ध हो पा रहा है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने बीपीएल व एससी वर्ग के लिए उपचार बिल्कुल फ्री किया जा रहा है।
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बॉक्स :: रोगी बरतें सर्तकता
हेपेटाइटिस सी के नॉडल ऑफिसर डॉ. अमित मुंजाल ने बताया कि जिला में हेपेटाइटिस के मरीज बढ़े हैं। इनके उपचार के लिए लोगों को रोहतक जाना पड़ता है, जिससे लोगों के समय व पैसे की अतिरिक्त बर्बादी होती है। यदि ये इंजेक्शन हर जिले के अस्पतालों में उपलब्ध करवा दिए जाएं तो मरीजों के लिए उपचार करवाना आसान होगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस के लक्षण वाले मरीज का सर्तकता बरतनी चाहिए व सामान्य अस्पताल के कमरा नंबर 24 में अपनी चिकित्सीय जांच करवा सकते हैं।