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सस्ती गेहूं पात्रों के लिए बदल रहे मापदंड

By Edited By: Published: Sat, 19 Jul 2014 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jul 2014 01:00 AM (IST)
सस्ती गेहूं पात्रों के लिए बदल रहे मापदंड

राकेश सिहाग, फतेहाबाद : राशन डिपो से एक परिवार को ढाई रुपये प्रति किलोग्राम की दर से पांच किलोग्राम गेहूं मिलने के लिए पात्रता मापदंड बदल रहे हैं। जल्द ही खाद्य एवं आपूर्ति विभाग सस्ते गेहूं पात्रों की लिस्ट तैयार करके बुकलेट तैयार करेगा। बकायदा बुकलेट राशन डिपो पर चस्पा होगी। विभाग ने आवेदनों के आधार पर छंटनी करके लिस्ट बनानी भी शुरू कर दी है।

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इसलिए पड़ी जरूरत

फिलहाल तक तय मापदंड के अनुसार अगर पात्रों का चयन करें तो उनकी संख्या प्रदेश की कुल जनसंख्या के मुकाबले 70 फीसदी से ज्यादा बैठती है। वहीं विभाग का लक्ष्य प्रदेश में 49 प्रतिशत निश्चित है। यानी कि सरकार कुल जनसंख्या का 49 फीसदी से ज्यादा को योजना का लाभ नहीं देना।

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इन मापदंडों के अनुसार हो रही छंटनी

ग्रामीण क्षेत्र में शून्य से एक एकड़, एक से दो एकड़, दो से ढाई एकड़ व ढाई से पांच एकड़ भूमि के वर्ग तय हैं। तय वर्ग के अनुसार पात्रों की छंटनी हो रही है। उक्त भूमि मालिकों का आंकड़ा प्राप्त होने के बाद विभाग पात्र लिस्ट तैयार करेगा। वहीं शहरी इलाके में शून्य से 50 गज, 51 से 100 गज, 101 से 150 गज व 151 से 250 गज भूमि के अनुसार वर्ग बनाये हैं। शहर में उक्त वर्गानुसार एक आंकड़ा पात्रों का बनेगा। आंकड़े बनाने का उद्देश्य है कि पात्रों की संख्या जानना। विभाग आंकड़ों के आधार पर देखेगा कि किस वर्ग का मापदंड तय करने से प्रदेश में कुल पात्रों का प्रतिशत 49 से कम रहता है। उसी आधार पर पात्रों के नए मापदंड तय हो जायेंगे।

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बॉक्स : राशन कार्ड भी ऑनलाइन बन जायेगा

नई योजना के अनुसार सब कुछ हुआ तो राशन कार्ड भी ऑनलाइन मिल जायेगा। विभाग आवेदकों के फार्म को विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर देगा। आवेदन फार्म की बेक साइड में आवेदक के बारे में डिटेल लिखी जायेगी। यानी कि फार्म के पीछे ही आयु, जमीन, केटेगरी आदि का उल्लेख होगा। उक्त फार्म ही राशन कार्ड माना जायेगा। आवेदक वो कागजात विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड करके राशनकार्ड के तौर पर प्रयोग कर सकेगा।

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बॉक्स : वर्जन.. जिनको मिल रहा है, उसे मिलेगा : डीएफएससी

डीएफएससी राजवीर सिंह ने उक्त योजना की पुष्टि करते हुए कहा कि सस्ती गेहूं पात्रों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ रही है। इसी के मद्देनजर अलग-अलग वर्ग अनुसार छंटनी कर रहे हैं। उसके बाद प्राप्त आंकड़ों के अनुसार मापदंड तय होंगे। विभाग की योजना ऑनलाइन राशन कार्ड उपलब्ध करवाने की भी है। कार्ड धारकों के कार्ड काफी पुराने हैं और वो फटने की स्थिति में पहुंच चुके हैं। ऐसे में जो आवेदकों के फार्म हैं, वो ही डाउनलोड करके राशन कार्ड के तौर पर प्रयोग कर सकेंगे। विभाग इस पर भी काम कर रहा है।


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