पूजा तिवारी मर्डरः मामला हाईकोर्ट की क्राइम अगेंस्ट वूमन बेंच को रेफर
घटना से पहले पूजा तिवारी के खिलाफ डॉ. दंपती अनिल गोयल और उनकी पत्नी अर्चना गोयल ने ब्लेकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया हुआ था।
फरीदाबाद (जेएनएन)। पत्रकार पूजा तिवारी की मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। सुनवाई को लेकर पूरा मामला हाईकोर्ट की क्राइम अगेंस्ट वूमन बेंच को रेफर कर दिया गया है। अब बेंच ने मामले की सुनवाई 19 दिसंबर को तय की है। पत्रकार पूजा तिवारी की 1 मई, 2016 की रात सेक्टर 46 स्थित सद्भावना अपार्टमेंट के 5वीं मंजिल स्थित फ्लैट की बालकनी से गिरने से मौत हो गई थी।
पूजा तिवारी मौत मामले मेंं पुलिस ने इंस्पेक्टर अमित को मुख्य आरोपी बनाया है। इस मामले मेंं कुल 55 गवाह बनाए हैं। पूजा की दोस्त अमरीन खान और अमित को जेल की सलाखोंं के पीछे ले जाने वाली ऑडियो क्लिप जारी करने वाले भरत गुप्ता मुख्य गवाह बनाए गए हैं।
क्या पूजा ने खुद लिखी थी अपनी मौत की कहानी? सोशल मीडिया पर उठा सवाल
अमित हरियाणा पुलिस मेंं इंस्पेक्टर है। पूजा की मौत मामले मेंं नाम आने के बाद उसे निलंबित कर दिया है। वह पूजा के साथ लिव इन रिलेशनशिप मेंं रह रहा था। घटना के दौरान वह फ्लैट मेंं मौजूद था।
घटना से पहले पूजा तिवारी के खिलाफ डॉ. दंपती अनिल गोयल और उनकी पत्नी अर्चना गोयल ने ब्लेकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया हुआ था। शुरुआत मेंं पुलिस ने पूजा के पिता रवि तिवारी और भाई सौरभ तिवारी के बयान पर डॉ. दंपति के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया था, मगर भरत गुप्ता द्वारा घटना से ठीक पहले की ऑडियो क्लिप जारी करने के बाद पुलिस ने अमित को गिरफ्तार कर उसे भी जांच मे शामिल किया था। अमित अभी भी जेल मेंं है।
मां-बाप को बताती थी मुंहबोला भाई, पर उसी से करती थी प्यार!
फरीदाबाद में महिला पत्रकार पूजा मौत मामले में इंस्पेक्टर अमित ने 5 मई को पुलिस को हिंदी में लिखा तीन पेज का सुसाइड नोट दिया था। अमित ने इससे पहले यह सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर भी वायरल कराया था। इस नोट के साथ ही यह सवाल उठने लगे थे कि पुलिस को यह नोट इंस्पेक्टर अमित के पास कैसे आया। पुलिस की जांच में यह नोट क्यों नहीं सामने आया। इसके अलावा यह सुसाइड नोट कब लिखा गया।