अल्लाह की इबादत में झुके सिर
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: रमजान महीने के अलविदा जुमे (आखिरी शुक्रवार) पर मस्जिदों में आम दिनों की अ
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: रमजान महीने के अलविदा जुमे (आखिरी शुक्रवार) पर मस्जिदों में आम दिनों की अपेक्षा ज्यादा रौनक रही। मस्जिदों में बयान के दौरान रोजों के साथ नमाज की अहमियत पर चर्चा की गई। मुसलमानों ने अल्लाह की इबादत में सिर झुकाए। अलग-अलग मस्जिदों में दोपहर एक बजे से सवा दो बजे तक नमाज पढ़ी गई।
बड़ों के साथ बड़ी संख्या में बच्चों ने भी नमाज पढ़ी। मस्जिदों के बाहर सेवइयों तथा खजूर की दुकानों पर रोजेदार खरीदारी में जुटे थे। मस्जिदों में इमाम ने अल्लाह, रसूल के फरमानों का जिक्र किया। समझाया कि जिसने रोजे और नमाज की अहमियत समझ ली, उसने ¨जदगी में सुकून हासिल कर लिया।
ओल्ड फरीदाबाद स्थित जामा मस्जिद के इमाम नूर मोहम्मद चंदेनी ने फरमाया कि ईद की नमाज से पहले फितरा अदा करने का हुक्म है। इसका मुसलमानों को ख्याल रखना चाहिए। जकात और फितरे की अहमियत को समझने की जरूरत है।
रोजा की तरह जकात और फितरा भी इबादत है। हर इबादत का सवाब मिलता है। माल के सदका को जकात कहते हैं। अब ईद आने वाली है। ईद पर हम ज्यादा से ज्यादा प्यार बांटे। अल्लाह के हुक्म को मानना ही ईमान की निशानी है। ईद खुशियों का त्योहार है।